CBSE-IX-Hindi

11: आदमी नामा - नज़ीर अकबराबादी

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  • #2
    निम्नलिखित अंशों की व्याख्या कीजिए- (क) दुनिया में बादशाह है सो है वह भी आदमी
    और मुफ़लिस-ओ-गदा है सो है वो भी आदमी (ख) अंशराफ़ और कमीने से ले शाह ता वज़ीर
    ये आदमी ही करते हैं सब कारे दिलपज़ीर (क) दुनिया में बादशाह है सो है वह भी आदमी
    और मुफ़लिस-ओ-गदा है सो है वो भी आदमी (ख) अंशराफ़ और कमीने से ले शाह ता वज़ीर
    ये आदमी ही करते हैं सब कारे दिलपज़ीर
    Ans : (क) व्याख्या- इस दुनिया में लोगों पर शासन करने वाला बादशाह भी आदमी है तो दीन-दुखी, नंगे, दरिद्र और भिखारी आदि भी आदमी ही हैं। इस तरह संसार में तरह-तरह के आदमी हैं जिनकी स्थिति, व्यवहार, चरित्र और स्वभाव में बहुत अंतर है परंतु वे सब आदमी ही हैं। (ख) व्याख्या- इस दुनिया में अच्छे काम करने वाले सज्जन पुरुष और दूसरों को सताने वाला कमीना से कमीना व्यक्ति भी आदमी ही है। दूसरों पर राज करने वाला राजा और मंत्री भी आदमी ही है। दूसरों को दुख पहुँचाने और दूसरों को सुख देने वाले दोनों ही तरह के लोग आदमी ही हैं। (क) व्याख्या- इस दुनिया में लोगों पर शासन करने वाला बादशाह भी आदमी है तो दीन-दुखी, नंगे, दरिद्र और भिखारी आदि भी आदमी ही हैं। इस तरह संसार में तरह-तरह के आदमी हैं जिनकी स्थिति, व्यवहार, चरित्र और स्वभाव में बहुत अंतर है परंतु वे सब आदमी ही हैं। (ख) व्याख्या- इस दुनिया में अच्छे काम करने वाले सज्जन पुरुष और दूसरों को सताने वाला कमीना से कमीना व्यक्ति भी आदमी ही है। दूसरों पर राज करने वाला राजा और मंत्री भी आदमी ही है। दूसरों को दुख पहुँचाने और दूसरों को सुख देने वाले दोनों ही तरह के लोग आदमी ही हैं।
  • #2-क
    दुनिया में बादशाह है सो है वह भी आदमी
    और मुफ़लिस-ओ-गदा है सो है वो भी आदमी
    Ans : व्याख्या- इस दुनिया में लोगों पर शासन करने वाला बादशाह भी आदमी है तो दीन-दुखी, नंगे, दरिद्र और भिखारी आदि भी आदमी ही हैं। इस तरह संसार में तरह-तरह के आदमी हैं जिनकी स्थिति, व्यवहार, चरित्र और स्वभाव में बहुत अंतर है परंतु वे सब आदमी ही हैं।
  • #2-ख
    अंशराफ़ और कमीने से ले शाह ता वज़ीर
    ये आदमी ही करते हैं सब कारे दिलपज़ीर
    Ans : व्याख्या- इस दुनिया में अच्छे काम करने वाले सज्जन पुरुष और दूसरों को सताने वाला कमीना से कमीना व्यक्ति भी आदमी ही है। दूसरों पर राज करने वाला राजा और मंत्री भी आदमी ही है। दूसरों को दुख पहुँचाने और दूसरों को सुख देने वाले दोनों ही तरह के लोग आदमी ही हैं।