ICSE-X-Hindi

ICSE Hindi Question Paper 2019 Solved for Class 10 year:2019

  • #2 [7]
    Write a letter in Hindi in approximately 120 words on any one of the topics given below :
    निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर हिंदी में लगभग 120 शब्दों में पत्र लिखिए : (i) आप अपने परिवार के साथ किसी एक प्रदर्शनी (Exhibition) को देखने गए
    थे। वहाँ पर आपने क्या क्या देखा ? वहाँ कौन-कौन सी चीजों ने आकर्षित किया ?
    जीवन में उनकी क्या उपयोगिता है ? अपना अनुभव बताते हुए अपने प्रिय मित्र
    को पत्र लिखिए। (ii) दिन-प्रतिदिन बढ़ते हुए जल संकट की ओर ध्यान
    आकर्षित करते हुए नगर पालिका के अध्यक्ष को एक पत्र लिखिए जिसमें वर्षा के
    जल का संचयन (rain water harvesting) करने के लिए व्यापक स्तर पर परियोजना
    चलाने का सुझाव दिया गया हो।
    Ans : (i) परीक्षा भवन,
    ——- नगर।
    दिनांक : 18.9.20.......
    प्रिय मित्र सुमंत,
    सप्रेम नमस्कार। आशा है तुम स्वस्थ एवं सानंद होंगे। आज मैं तुम्हें अपना
    ऐसा अनुभव बताने जा रहा हूँ जिसे मैंने अपने परिवार के साथ एक प्रदर्शनी
    में जाकर प्राप्त किया। मित्र! गत सप्ताह हमारे नगर में हस्तशिल्प की एक
    भव्य प्रदर्शनी आयोजित की गई। प्रदर्शनी पूरे सप्ताह चलने वाली थी, परंतु
    हम दूसरे ही दिन प्रदर्शनी देखने चले गए क्योंकि मुझे हस्तशिल्प के प्रति
    विशेष उत्साह था। मैं प्रदर्शनी में लोगों की कारीगरी देखकर दंग रह गया।
    मैंने प्राचीन हस्तकला के ऐसे नमूने कभी नहीं देखे थे। सबसे बड़ा विस्मय
    इस बात पर हुआ कि ग्रामीण लोगों ने कूड़ा समझी जाने वाली तुच्छ वस्तुओं से
    सुंदर कालीन, पायदान, चित्र, पत्रिका-स्टैंड, फ्रेम, मेजपोश, टोकरियाँ,
    आसन-न जाने कितनी आकर्षक वस्तुएँ बना डाली थीं। शहतूत और बाँस की टहनियों
    से बनी वस्तुओं का तो रूप ही निराला था। वस्त्रों में रेशम, पशमीना व सूती
    कपड़ों पर भव्य कारीगरी दिखाई गई थी। हमने भी कुछ वस्त्र खरीदे और शाम होने
    पर घर आए। ऐसी ही प्रदर्शनी कभी फिर लगी, तो तुम्हें अवश्य सूचित करूँगा।
    तुम्हें बहुत आनंद आएगा।
    तुम्हारा अभिन्न मित्र
    क.ख. ग. (ii) सेवा में,
    अध्यक्ष महोदय,
    नगरपालिका,
    ——- नगर।
    विषय : नगर में बढ़ रहा जल संकट।
    मान्य महोदय,
    मैं इस पत्र द्वारा आपका ध्यान नगर में दिन-प्रतिदिन बढ़ते जल संकट की ओर
    दिलाना चाहता हूँ। महोदय, हमारे नगर में जल सुविधाएँ नाममात्र हैं। प्रातः
    जल आपूर्ति पाँच से सात तक रहती है। दुपहर को आपूर्ति बंद रहती है। संध्या
    समय सात से आठ तक पानी आता है। जिन लोगों के घरों में हैंडपंप लगे हैं,
    उन्हें भी भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि जल-स्तर बहुत
    नीचे चला गया है। मेरी आपसे प्रार्थना है कि नगर में शिविर लगाकर लोगों को
    वर्षा के जल का संचयन करने की ओर प्रेरित किया जाए।
    संभव हो तो ऐसी
    व्यवस्था करने के लिए अनुदान की भी कुछ-न-कुछ व्यवस्था की जानी चाहिए। इससे
    लोगों को तो राहत मिलेगी ही, साथ ही साथ नगरपालिका के कार्य में भी सहजता आ
    सकेगी। राजस्थान के लोग वर्षा जल संचयन (Rain Water Harvesting) में
    अत्यंत दक्ष हैं। हमें उनसे प्रेरणा लेकर इस जल संकट का समाधान करना चाहिए।
    सधन्यवाद।
    भवदीय,
    क. ख. ग.
    207/40
    न्यू शीतल नगर
    ——- प्रदेश
    दिनांक : 20-06-20.......
  • #2-i
    आप अपने परिवार के साथ किसी एक प्रदर्शनी (Exhibition) को देखने गए
    थे। वहाँ पर आपने क्या क्या देखा ? वहाँ कौन-कौन सी चीजों ने आकर्षित किया ?
    जीवन में उनकी क्या उपयोगिता है ? अपना अनुभव बताते हुए अपने प्रिय मित्र
    को पत्र लिखिए।
    Ans : परीक्षा भवन,
    ——- नगर।
    दिनांक : 18.9.20.......
    प्रिय मित्र सुमंत,
    सप्रेम नमस्कार। आशा है तुम स्वस्थ एवं सानंद होंगे। आज मैं तुम्हें अपना
    ऐसा अनुभव बताने जा रहा हूँ जिसे मैंने अपने परिवार के साथ एक प्रदर्शनी
    में जाकर प्राप्त किया। मित्र! गत सप्ताह हमारे नगर में हस्तशिल्प की एक
    भव्य प्रदर्शनी आयोजित की गई। प्रदर्शनी पूरे सप्ताह चलने वाली थी, परंतु
    हम दूसरे ही दिन प्रदर्शनी देखने चले गए क्योंकि मुझे हस्तशिल्प के प्रति
    विशेष उत्साह था। मैं प्रदर्शनी में लोगों की कारीगरी देखकर दंग रह गया।
    मैंने प्राचीन हस्तकला के ऐसे नमूने कभी नहीं देखे थे। सबसे बड़ा विस्मय
    इस बात पर हुआ कि ग्रामीण लोगों ने कूड़ा समझी जाने वाली तुच्छ वस्तुओं से
    सुंदर कालीन, पायदान, चित्र, पत्रिका-स्टैंड, फ्रेम, मेजपोश, टोकरियाँ,
    आसन-न जाने कितनी आकर्षक वस्तुएँ बना डाली थीं। शहतूत और बाँस की टहनियों
    से बनी वस्तुओं का तो रूप ही निराला था। वस्त्रों में रेशम, पशमीना व सूती
    कपड़ों पर भव्य कारीगरी दिखाई गई थी। हमने भी कुछ वस्त्र खरीदे और शाम होने
    पर घर आए। ऐसी ही प्रदर्शनी कभी फिर लगी, तो तुम्हें अवश्य सूचित करूँगा।
    तुम्हें बहुत आनंद आएगा।
    तुम्हारा अभिन्न मित्र
    क.ख. ग.
  • #2-ii
    दिन-प्रतिदिन बढ़ते हुए जल संकट की ओर ध्यान
    आकर्षित करते हुए नगर पालिका के अध्यक्ष को एक पत्र लिखिए जिसमें वर्षा के
    जल का संचयन (rain water harvesting) करने के लिए व्यापक स्तर पर परियोजना
    चलाने का सुझाव दिया गया हो।
    Ans : सेवा में,
    अध्यक्ष महोदय,
    नगरपालिका,
    ——- नगर।
    विषय : नगर में बढ़ रहा जल संकट।
    मान्य महोदय,
    मैं इस पत्र द्वारा आपका ध्यान नगर में दिन-प्रतिदिन बढ़ते जल संकट की ओर
    दिलाना चाहता हूँ। महोदय, हमारे नगर में जल सुविधाएँ नाममात्र हैं। प्रातः
    जल आपूर्ति पाँच से सात तक रहती है। दुपहर को आपूर्ति बंद रहती है। संध्या
    समय सात से आठ तक पानी आता है। जिन लोगों के घरों में हैंडपंप लगे हैं,
    उन्हें भी भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि जल-स्तर बहुत
    नीचे चला गया है। मेरी आपसे प्रार्थना है कि नगर में शिविर लगाकर लोगों को
    वर्षा के जल का संचयन करने की ओर प्रेरित किया जाए।
    संभव हो तो ऐसी
    व्यवस्था करने के लिए अनुदान की भी कुछ-न-कुछ व्यवस्था की जानी चाहिए। इससे
    लोगों को तो राहत मिलेगी ही, साथ ही साथ नगरपालिका के कार्य में भी सहजता आ
    सकेगी। राजस्थान के लोग वर्षा जल संचयन (Rain Water Harvesting) में
    अत्यंत दक्ष हैं। हमें उनसे प्रेरणा लेकर इस जल संकट का समाधान करना चाहिए।
    सधन्यवाद।
    भवदीय,
    क. ख. ग.
    207/40
    न्यू शीतल नगर
    ——- प्रदेश
    दिनांक : 20-06-20.......