ICSE-X-Hindi

ICSE Hindi Question Paper 2019 Solved for Class 10 year:2019

page 4
Qstn# B-9-i Prvs-QstnNext-Qstn
  • #9-i
    ‘भव’ शब्द का क्या अर्थ है ? कवि के अनुसार इस भव में शांति क्यों नहीं है ? (ii) शब्दों के अर्थ लिखिए-न्यायोचित, सम, सुलभ, कोलाहल।। (iii) ‘शमित न होगा कोलाहल संघर्ष नहीं कम होगा’ पंक्ति का भावार्थ लिखिए। (iv) उपरोक्त पंक्तियाँ ‘दिनकर जी’ की किस प्रसिद्ध रचना से ली गई हैं ? कविता का केंद्रीय भाव लिखते हुए बताइए।
    Ans : ‘भव’ शब्द का अर्थ है-संसार । कवि का विचार है कि जब तक मनुष्य को
    धरती पर न्यायसंगत सुख प्राप्त नहीं होते, तब तक संसार में शांति संभव
    नहीं। (ii) न्याय की दृष्टि से उचित, समान, सुगम रूप से उपलब्ध, शोर। (iii) इस पंक्ति का अर्थ है कि जब तक संसार में समाज-सापेक्ष दृष्टि नहीं उपजती, तब तक संघर्ष और असंतोष का शोर कम नहीं होगा। (iv) प्रस्तुत पंक्तियाँ रामधारी सिंह दिनकर जी की प्रसिद्ध रचना
    ‘कुरुक्षेत्र’ से ली गई हैं। इस कविता का केंद्रीय भाव समतावाद से जुड़ा
    हुआ है। कवि का विचार है कि यदि हम प्रकृति द्वारा दी गई वस्तुओं व उपहारों
    का समान रूप से उपभोग करें तो यह धरती स्वर्ग बन सकती है और संघर्ष मिट
    सकते हैं।
  • #9-ii
    शब्दों के अर्थ लिखिए-न्यायोचित, सम, सुलभ, कोलाहल।।
    Ans : न्याय की दृष्टि से उचित, समान, सुगम रूप से उपलब्ध, शोर।
  • #9-iii
    ‘शमित न होगा कोलाहल संघर्ष नहीं कम होगा’ पंक्ति का भावार्थ लिखिए।
    Ans : इस पंक्ति का अर्थ है कि जब तक संसार में समाज-सापेक्ष दृष्टि नहीं उपजती, तब तक संघर्ष और असंतोष का शोर कम नहीं होगा।
  • #9-iv [3]
    उपरोक्त पंक्तियाँ ‘दिनकर जी’ की किस प्रसिद्ध रचना से ली गई हैं ? कविता का केंद्रीय भाव लिखते हुए बताइए।
    Ans : प्रस्तुत पंक्तियाँ रामधारी सिंह दिनकर जी की प्रसिद्ध रचना
    ‘कुरुक्षेत्र’ से ली गई हैं। इस कविता का केंद्रीय भाव समतावाद से जुड़ा
    हुआ है। कवि का विचार है कि यदि हम प्रकृति द्वारा दी गई वस्तुओं व उपहारों
    का समान रूप से उपभोग करें तो यह धरती स्वर्ग बन सकती है और संघर्ष मिट
    सकते हैं।