ICSE-X-Hindi
ICSE Hindi Question Paper 2019 Solved for Class 10 year:2019
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- #5-ii [2]क्या देखकर उसका हृदय खिल उठा था ? उसने अपने पिता से क्या माँगा ?Ans : एक दिन श्यामू अकेला बैठा आकाश की ओर ताक रहा था तो उसने एक उड़ती
पतंग देखी। पतंग देखकर उसका हृदय खिल उठा। उसने अपने पिता से एक पतंग
माँगी।
- #5-iii [3]उसने उस चीज का प्रबंध कैसे किया ? क्या उसके इस कार्य को अपराध कहना उचित होगा ? समझाइए।Ans : पिता ने ‘हाँ’ करके भी श्यामू को पतंग लाकर नहीं दी तो
उसने पिता के कोट से एक चवन्नी चुरा ली और सुखिया दासी के पुत्र भोला से
पतंग मँगवा ली। यह कार्य चोरी के अपराध में आता है परंतु अपनी माँ के मोह
में जकड़े श्यामू के लिए यह कतई अपराध न था।
- #5-iv [3]विश्वेश्वर ने बालक के साथ कैसा व्यवहार किया ? संक्षेप में समझाते
हुए उनके इस तरह के व्यवहार का - कारण तथा सच्चाई जानने के बाद की स्थिति
का भी वर्णन कीजिए।Ans : विश्वेश्वर को अपने
कोट से रुपया चोरी होने का पता चला तो वे श्यामू से पूछते हैं। डरकर भोला
ने सारी कहानी बता दी। पिता ने श्यामू के दो तमाचे जड़ दिए और पतंग फाड़
डाली। परंतु जब उन्हें चोरी के कारण - का पता चला तो उनका सारा क्रोध शांत
हो गया और उनके मन में पीड़ा जाग उठी।
- Qstn #6Read the extract given below and answer in Hindi the questions that follow :
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़िए और उसके नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर हिंदी
में लिखिए :विदेशों में उसके चित्रों की धूम मच गयी। भिखारिन और दो अनाथ
बच्चों के उस चित्र की प्रशंसा में तो
अखबारों के कॉलम के कॉलम भर गए। शोहरत से ऊँचे कगार पर बैठ चित्रा जैसे अपना सब कुछ भूल गयी।
[‘दो कलाकार’ - मन्नु भंडारी]
[‘Do Kalakar’-Mannu Bhandari]
- #6-i [2]‘उसके चित्रों’ से क्या तात्पर्य है ? समझाइए।Ans : ‘उसके चित्रों’ से तात्पर्य चित्रा द्वारा बनाए गए चित्रों से है। वह
एक श्रेष्ठ कलाकार थी और उसके चित्रों का संबंध जीवन से न होकर केवल कला से
था।
- #6-ii [2]चित्रा कौन थी ? उसके चरित्र की मुख्य विशेषता को बताइए।Ans : चित्रा धनी पिता की इकलौती बेटी है। उसका शौक चित्रकला है।
उसमें मानवता और संवेदना की कमी है। उसकी दृष्टि कला को कला के लिए मानने
वाली है।
- #6-iii [3]अरूणा कौन थी जब उसे भिखारिन वाली घटना का पता चला तो उसपर क्या प्रभाव पड़ा और उसने क्या किया ?Ans : अरूणा चित्रा की सहपाठिन सखी थी। उसके जीवन का उद्देश्य
मानवता की सेवा है। वह भिखारिन की मृत्यु पर उसके दोनों बच्चों को अपना
लेती है।
- #6-iv [3]चित्रकारिता और समाज सेवा में आप किसे उपयोगी मानते हैं और क्यों ? कहानी के माध्यम से समझाइए।Ans : चित्रकारिता और समाजसेवा में निश्चित रूप से समाजसेवा
उपयोगी है क्योंकि इसका संबंध मानवता से है। जो कला जीवन को महत्त्व न दे,
वह कला नहीं है। कला और कलाकार वही सार्थक है जो अरूणा की तरह संवेदना से
भरा हो। चित्र जैसा भौतिकवादी कलाकार मानवता के लिए व्यर्थ है।
- Qstn #7Read the extract given below and answer in Hindi the questions that follow :
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़िए और उसके नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर हिंदी
में लिखिए :मैंने देखा कि कुहरे की सफेदी में कुछ ही हाथ दूर से एक काली सी
मूर्ति हमारी तरफ आ रही थी। मैंने कहा-“होगा कोई।” तीन गज की दूरी से दिख
पड़ा, एक लड़का, सिर के बड़े-बड़े बाल खुजलाता चला आ रहा था। नंगे पैर,
नंगे सिर, एक मैली-सी कमीज़ लटकाए है।
[अपना-अपना भाग्य’ - जैनेन्द्र कुमार]
[Apna-Apna Bhagya’-Jainendra Kumar]
- #7-i [2]यहाँ पर किस बालक के संदर्भ में कहा गया है ? उस समय उसकी क्या स्थिति थी?Ans : यहाँ पर एक ऐसे निर्धन, असहाय और शोषित पहाड़ी बालक के विषय में कहा
गया है जो बर्फ में ठिठुर कर दम तोड़ देता है। उसके सिर, पैर, नंगे थे।
शरीर पर केवल एक मैली-सी कमीज़ थी।
- #7-iiबालक ने अपने घर-परिवार के संबंध में क्या-क्या बताया ?Ans : बालक ने बताया कि वह गरीबी से
तंग आकर नैनीताल भाग आया है। उसके माता-पिता पंद्रह कोस दूर गाँव में रहते
हैं। उसके कई भाई-बहन और माँ-बाप भूखे रह रहे थे।
- #7-iii [3]इस समय उस बालक के सामने कौन-सी समस्या थी? क्या उस समस्या का हल हो पाया ? यदि नहीं तो क्यों?Ans : इस समय बालक के
सामने रात काटने की और बर्फ के प्रकोप से बचने की समस्या थी। उसे उस दुकान
पर से हटा दिया गया था, जहाँ वह काम करने के बाद सोता था। यह समस्या हल
नहीं हो सकी क्योंकि वकील जैसे भद्रपुरुषों में मानवता नाम की कोई भावना
नहीं थी।
- #7-iv [3]इस कहानी के माध्यम से लेखक ने हमें क्या संदेश देना चाहा है ? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।Ans : प्रस्तुत कहानी द्वारा लेखक ने बताया है कि आज के लोगों
में दया और मानवता की भावना शून्य होती जा रही है। लोग किसी विवश व
अभावग्रस्त दुखी बालक पर दया नहीं दिखाते। वकील साहब जैसे लोग स्वार्थी,
हृदयहीन और संवेदनहीन हैं। इसी निर्ममता ने बालक की जान ले ली।
साहित्य सागर - पद्य भाग
(Sahitya Sagar - Poems)
- Qstn #8Read the extract given below and answer in Hindi the questions that follow :
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़िए और उसके नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर हिंदी
में लिखिए :”मैया मेरी, चंद्र खिलौना लेहौं।। धौरी को पय पान न करिहौं,
बेनी सिर न गुथैहौं। मोतिन माल न धरिहौं उर पर झुंगली कंठ न लैहौं। जैहौं
लोट अबहिं धरनी पर, तेरी गोद न ऐहौं।। लाल कहैहौं नंद बाबा को, तेरो सुत न
कहैहौं।।”
[‘सूर के पद’- सूरदास]
[Sur Ke Pad’ - Surdas]
- #8-i [2]प्रस्तुत पद्य में कौन अपनी माता से जिद कर रहे हैं ? वे क्या प्राप्त करना चाहते हैं ?Ans : प्रस्तुत पद्य में कवि सूरदास ने
वात्सल्य रस का चित्रण किया है। कृष्ण की बाल-लीला अद्भुत है। वे अपनी माता
यशोदा से चाँद को खिलौने के रूप में माँग रहे हैं।