ICSE-X-Hindi
ICSE Hindi Question Paper 2019 Solved for Class 10 year:2019
- #6Read the extract given below and answer in Hindi the questions that follow :
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़िए और उसके नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर हिंदी
में लिखिए :विदेशों में उसके चित्रों की धूम मच गयी। भिखारिन और दो अनाथ
बच्चों के उस चित्र की प्रशंसा में तो
अखबारों के कॉलम के कॉलम भर गए। शोहरत से ऊँचे कगार पर बैठ चित्रा जैसे अपना सब कुछ भूल गयी।
[‘दो कलाकार’ - मन्नु भंडारी]
[‘Do Kalakar’-Mannu Bhandari] (i) ‘उसके चित्रों’ से क्या तात्पर्य है ? समझाइए। (ii) चित्रा कौन थी ? उसके चरित्र की मुख्य विशेषता को बताइए। (iii) अरूणा कौन थी जब उसे भिखारिन वाली घटना का पता चला तो उसपर क्या प्रभाव पड़ा और उसने क्या किया ? (iv) चित्रकारिता और समाज सेवा में आप किसे उपयोगी मानते हैं और क्यों ? कहानी के माध्यम से समझाइए। (i) ‘उसके चित्रों’ से क्या तात्पर्य है ? समझाइए। (ii) चित्रा कौन थी ? उसके चरित्र की मुख्य विशेषता को बताइए। (iii) अरूणा कौन थी जब उसे भिखारिन वाली घटना का पता चला तो उसपर क्या प्रभाव पड़ा और उसने क्या किया ? (iv) चित्रकारिता और समाज सेवा में आप किसे उपयोगी मानते हैं और क्यों ? कहानी के माध्यम से समझाइए।Ans : (i) ‘उसके चित्रों’ से तात्पर्य चित्रा द्वारा बनाए गए चित्रों से है। वह
एक श्रेष्ठ कलाकार थी और उसके चित्रों का संबंध जीवन से न होकर केवल कला से
था। (ii) चित्रा धनी पिता की इकलौती बेटी है। उसका शौक चित्रकला है।
उसमें मानवता और संवेदना की कमी है। उसकी दृष्टि कला को कला के लिए मानने
वाली है। (iii) अरूणा चित्रा की सहपाठिन सखी थी। उसके जीवन का उद्देश्य
मानवता की सेवा है। वह भिखारिन की मृत्यु पर उसके दोनों बच्चों को अपना
लेती है। (iv) चित्रकारिता और समाजसेवा में निश्चित रूप से समाजसेवा
उपयोगी है क्योंकि इसका संबंध मानवता से है। जो कला जीवन को महत्त्व न दे,
वह कला नहीं है। कला और कलाकार वही सार्थक है जो अरूणा की तरह संवेदना से
भरा हो। चित्र जैसा भौतिकवादी कलाकार मानवता के लिए व्यर्थ है। (i) ‘उसके चित्रों’ से तात्पर्य चित्रा द्वारा बनाए गए चित्रों से है। वह
एक श्रेष्ठ कलाकार थी और उसके चित्रों का संबंध जीवन से न होकर केवल कला से
था। (ii) चित्रा धनी पिता की इकलौती बेटी है। उसका शौक चित्रकला है।
उसमें मानवता और संवेदना की कमी है। उसकी दृष्टि कला को कला के लिए मानने
वाली है। (iii) अरूणा चित्रा की सहपाठिन सखी थी। उसके जीवन का उद्देश्य
मानवता की सेवा है। वह भिखारिन की मृत्यु पर उसके दोनों बच्चों को अपना
लेती है। (iv) चित्रकारिता और समाजसेवा में निश्चित रूप से समाजसेवा
उपयोगी है क्योंकि इसका संबंध मानवता से है। जो कला जीवन को महत्त्व न दे,
वह कला नहीं है। कला और कलाकार वही सार्थक है जो अरूणा की तरह संवेदना से
भरा हो। चित्र जैसा भौतिकवादी कलाकार मानवता के लिए व्यर्थ है।
- #6-i [2]‘उसके चित्रों’ से क्या तात्पर्य है ? समझाइए।Ans : ‘उसके चित्रों’ से तात्पर्य चित्रा द्वारा बनाए गए चित्रों से है। वह
एक श्रेष्ठ कलाकार थी और उसके चित्रों का संबंध जीवन से न होकर केवल कला से
था।
- #6-ii [2]चित्रा कौन थी ? उसके चरित्र की मुख्य विशेषता को बताइए।Ans : चित्रा धनी पिता की इकलौती बेटी है। उसका शौक चित्रकला है।
उसमें मानवता और संवेदना की कमी है। उसकी दृष्टि कला को कला के लिए मानने
वाली है।
- #6-iii [3]अरूणा कौन थी जब उसे भिखारिन वाली घटना का पता चला तो उसपर क्या प्रभाव पड़ा और उसने क्या किया ?Ans : अरूणा चित्रा की सहपाठिन सखी थी। उसके जीवन का उद्देश्य
मानवता की सेवा है। वह भिखारिन की मृत्यु पर उसके दोनों बच्चों को अपना
लेती है।
- #6-iv [3]चित्रकारिता और समाज सेवा में आप किसे उपयोगी मानते हैं और क्यों ? कहानी के माध्यम से समझाइए।Ans : चित्रकारिता और समाजसेवा में निश्चित रूप से समाजसेवा
उपयोगी है क्योंकि इसका संबंध मानवता से है। जो कला जीवन को महत्त्व न दे,
वह कला नहीं है। कला और कलाकार वही सार्थक है जो अरूणा की तरह संवेदना से
भरा हो। चित्र जैसा भौतिकवादी कलाकार मानवता के लिए व्यर्थ है।