CBSE-IX-Hindi
15: नए इलाके में … खुशबू रचते हैं हाथ - अरुण कमल
- #1पाठ में हिंदी महीनों के कुछ नाम आए हैं। आप सभी हिंदी महीनों के नाम क्रम से लिखिए-Ans :
- चैत्र
- बैसाख
- ज्येष्ठ
- आषाढ़
- श्रावण
- भाद्रपद
- आश्विन
- कार्तिक
- मार्गशीर्ष
- पौष
- माघ
- फाल्गुन।
खुशबू रचते हैं हाथ
प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क) ‘खुशबू रचने वाले हाथ’ कैसी परिस्थितियों में तथा कहाँ-कहाँ रहते हैं?
-उत्तर-
‘खुशबू रचने वाले हाथ’ घोर गरीबी, अभावग्रस्त और अमानवीय परिस्थितियों में गंदे नाले के किनारे कूड़े-करकट के ढेर के पास छोटी-छोटी बस्तियों की तंग और गंदी गलियों में रहते हैं। वहाँ की बदबू से लगता है कि नाक फट जाएगी।
(ख) कविता में कितने तरह के हाथों की चर्चा हुई है?
-उत्तर-
कविता में कई प्रकार के हाथों की चर्चा की गई है-
- उभरी नसों वाले हाथ अर्थात् वृद्ध मजदूरों के हाथ।
- घिसे नाखूनों वाले हाथ अर्थात् मजदूर वर्ग के हाथ।
- पीपल के नए पत्ते जैसे हाथ अर्थात् कम उम्र के बच्चों के हाथ।
- जूही की डाल जैसे हाथ अर्थात् नवयुवतियों के सुंदर हाथ।
- कटे-पिटे और जख्मी हाथ अर्थात् मालिक द्वारा शोषित एवं सताए मजदूरों के हाथ।
(ग) कवि ने यह क्यों कहा है कि ‘खुशबू रचते हैं हाथ’?
-उत्तर-
‘खुशबू रचते हैं हाथ’ ऐसा कवि ने इसलिए कहा है जिन हाथों द्वारा दुनिया भर में खुशबू फैलाई जाती है, वे हाथ गंदे हैं, गंदी जगहों पर रहते हैं और अभावग्रस्त जीवन जीने को विवश हैं।
(घ) जहाँ अगरबत्तियाँ बनती हैं, वहाँ का माहौल कैसा होता है?
-उत्तर-
जहाँ अगरबत्तियाँ बनती है वहाँ का वातावरण अत्यंत गंदा होता है। गंदे नाले से उठती बदबू, चारों ओर कूड़े के ढेर से उठती बदबू से दुर्गंध फैली होती है। इस बदबू से ऐसा लगता है जैसे नाक फट जाएगी।
(ङ) इस कविता को लिखने का मुख्य उद्देश्य क्या है?
-उत्तर-:
इस कविता को लिखने है का उद्देश्य है-समाज के मजदूर वर्ग और अन्य लोगों के बीच घोर विषमता का चित्रण तथा दुनिया भर में अपनी बनाई अगरबत्तियों के माध्यम से सुगंध फैलाने वाले मजदूर वर्ग का घोर गरीबी में गंदगी के बीच जीवन बिताना तथा समाज द्वारा उनकी उपेक्षा की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित कराना। - चैत्र