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CBSE-IX-Hindi

14: अग्नि पथ - हरिवंशराय बच्चन

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  • #1
    निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (क) कवि ने ‘अग्नि पथ’ किसके प्रतीक स्वरूप प्रयोग किया है?
    (ख) ‘माँग मत’, ‘कर शपथ’, ‘लथपथ’ इन शब्दों का बार-बार प्रयोग कर कवि क्या कहना चाहता है?
    (ग) “एक पत्र-छाँह भी माँग मत’ इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
    (क) कवि ने ‘अग्नि पथ’ किसके प्रतीक स्वरूप प्रयोग किया है?
    (ख) ‘माँग मत’, ‘कर शपथ’, ‘लथपथ’ इन शब्दों का बार-बार प्रयोग कर कवि क्या कहना चाहता है?
    (ग) “एक पत्र-छाँह भी माँग मत’ इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
    Ans : (क)
    कवि ने ‘अग्नि पथ’ जीवन के कठिनाई भरे रास्ते के लिए प्रयुक्त किया है। कवि का मानना है कि जीवन में पग-पग पर संकट हैं, चुनौतियाँ हैं और कष्ट हैं। इस प्रकार यह जीवन संघर्षपूर्ण है। (ख)
    “माँग मत’, ‘कर शपथ’ तथा ‘लथपथ’ शब्दों का बार-बार प्रयोग करके कवि मनुष्य को कष्ट सहने के लिए तैयार करना चाहता है। वह चाहता है कि मनुष्य आँसू, पसीने और खून से लथपथ’ होने पर भी राहत और सुविधा न माँगे। वह कष्टों को रौंदता हुआ आगे बढ़ता जाए और संघर्ष करने की शपथ ले। (ग)
    इस पंक्ति का आशय है-मनुष्य जीवन के कष्ट भरे रास्तों पर चलते हुए थोड़ा-सा भी आराम या सुविधा न माँगे। वह निरंतर कष्टों से जूझता रहे। (क)
    कवि ने ‘अग्नि पथ’ जीवन के कठिनाई भरे रास्ते के लिए प्रयुक्त किया है। कवि का मानना है कि जीवन में पग-पग पर संकट हैं, चुनौतियाँ हैं और कष्ट हैं। इस प्रकार यह जीवन संघर्षपूर्ण है। (ख)
    “माँग मत’, ‘कर शपथ’ तथा ‘लथपथ’ शब्दों का बार-बार प्रयोग करके कवि मनुष्य को कष्ट सहने के लिए तैयार करना चाहता है। वह चाहता है कि मनुष्य आँसू, पसीने और खून से लथपथ’ होने पर भी राहत और सुविधा न माँगे। वह कष्टों को रौंदता हुआ आगे बढ़ता जाए और संघर्ष करने की शपथ ले। (ग)
    इस पंक्ति का आशय है-मनुष्य जीवन के कष्ट भरे रास्तों पर चलते हुए थोड़ा-सा भी आराम या सुविधा न माँगे। वह निरंतर कष्टों से जूझता रहे।
  • #1-क
    कवि ने ‘अग्नि पथ’ किसके प्रतीक स्वरूप प्रयोग किया है?
    Ans :
    कवि ने ‘अग्नि पथ’ जीवन के कठिनाई भरे रास्ते के लिए प्रयुक्त किया है। कवि का मानना है कि जीवन में पग-पग पर संकट हैं, चुनौतियाँ हैं और कष्ट हैं। इस प्रकार यह जीवन संघर्षपूर्ण है।
  • #1-ख
    ‘माँग मत’, ‘कर शपथ’, ‘लथपथ’ इन शब्दों का बार-बार प्रयोग कर कवि क्या कहना चाहता है?
    Ans :
    “माँग मत’, ‘कर शपथ’ तथा ‘लथपथ’ शब्दों का बार-बार प्रयोग करके कवि मनुष्य को कष्ट सहने के लिए तैयार करना चाहता है। वह चाहता है कि मनुष्य आँसू, पसीने और खून से लथपथ’ होने पर भी राहत और सुविधा न माँगे। वह कष्टों को रौंदता हुआ आगे बढ़ता जाए और संघर्ष करने की शपथ ले।
  • #1-ग
    “एक पत्र-छाँह भी माँग मत’ इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
    Ans :
    इस पंक्ति का आशय है-मनुष्य जीवन के कष्ट भरे रास्तों पर चलते हुए थोड़ा-सा भी आराम या सुविधा न माँगे। वह निरंतर कष्टों से जूझता रहे।