CBSE-IX-Hindi

06: कीचड़ का काव्य - काका कालेलकर

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Qstn# A-s1-3 Prvs-QstnNext-Qstn
  • #3
    मनुष्य को क्या भान होता जिससे वह कीचड़ का तिरस्कार न करता?
    Ans : मनुष्य को यह भान नहीं है कि उसका पेट भरने वाला सारा अन्न इसी कीचड़ में से उत्पन्न होता है। यदि उसे । इस तथ्य को भान होता तो वह कदापि कीचड़ का तिरस्कार न करता।