ICSE-X-Hindi

ICSE Hindi Question Paper 2019 Solved for Class 10 year:2019

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Qstn# B-8-i Prvs-QstnNext-Qstn
  • #8-i [2]
    प्रस्तुत पद्य में कौन अपनी माता से जिद कर रहे हैं ? वे क्या प्राप्त करना चाहते हैं ? (ii) उनकी माता कौन हैं ? वे अपने पुत्र को देखकर कैसा अनुभव कर रही हैं ? स्पष्ट कीजिए। (iii) खिलौना न मिलने की स्थिति में बाल कृष्ण अपनी माँ को क्या-क्या धमकियाँ दे रहे हैं ? स्पष्ट कीजिए। (iv) रूठे हुए बालक को बहलाने के लिए माँ क्या कहती है ? बालक पर उसका
    क्या प्रभाव पड़ता है ? सूरदास जी की भक्ति भावना का परिचय देते हुए
    समझाइए। (ii) उनकी माता कौन हैं ? वे अपने पुत्र को देखकर कैसा अनुभव कर रही हैं ? स्पष्ट कीजिए। (iii) खिलौना न मिलने की स्थिति में बाल कृष्ण अपनी माँ को क्या-क्या धमकियाँ दे रहे हैं ? स्पष्ट कीजिए। (iv) रूठे हुए बालक को बहलाने के लिए माँ क्या कहती है ? बालक पर उसका
    क्या प्रभाव पड़ता है ? सूरदास जी की भक्ति भावना का परिचय देते हुए
    समझाइए। (ii) उनकी माता कौन हैं ? वे अपने पुत्र को देखकर कैसा अनुभव कर रही हैं ? स्पष्ट कीजिए। (iii) खिलौना न मिलने की स्थिति में बाल कृष्ण अपनी माँ को क्या-क्या धमकियाँ दे रहे हैं ? स्पष्ट कीजिए। (iv) रूठे हुए बालक को बहलाने के लिए माँ क्या कहती है ? बालक पर उसका
    क्या प्रभाव पड़ता है ? सूरदास जी की भक्ति भावना का परिचय देते हुए
    समझाइए। (ii) उनकी माता कौन हैं ? वे अपने पुत्र को देखकर कैसा अनुभव कर रही हैं ? स्पष्ट कीजिए। (iii) खिलौना न मिलने की स्थिति में बाल कृष्ण अपनी माँ को क्या-क्या धमकियाँ दे रहे हैं ? स्पष्ट कीजिए। (iv) रूठे हुए बालक को बहलाने के लिए माँ क्या कहती है ? बालक पर उसका
    क्या प्रभाव पड़ता है ? सूरदास जी की भक्ति भावना का परिचय देते हुए
    समझाइए।
    Ans : प्रस्तुत पद्य में कवि सूरदास ने
    वात्सल्य रस का चित्रण किया है। कृष्ण की बाल-लीला अद्भुत है। वे अपनी माता
    यशोदा से चाँद को खिलौने के रूप में माँग रहे हैं। (ii) कृष्ण की माता
    यशोदा है। वे अपने पुत्र की बालसुलभ लीलाओं को देख-सुनकर मंत्रमुग्ध हो
    रही हैं। उन्हें अपने पुत्र के बाल हठ पर आनंद का अनुभव हो रहा है। (iii) बाल कृष्ण अपनी माँ को दूध न पीने, चोटी न गुँथवाने, मोतियों की माला
    न पहनने, गले में झंगलि न पहनने धरती पर लेटने, गोद में न आने और यशोदा के
    स्थान पर नंद का पुत्र कहलाने की धमकियाँ दे रहे हैं। (iv) यशोदा
    अत्यंत चतुराई से कृष्ण के कान में कहती हैं कि वे उसके लिए चंद्र से भी
    सुंदर दुलहन लाएँगी। माँ की यह रहस्य भरी बात सुनकर कृष्ण चंद्र रूपी
    खिलौना लेने का हठ भूल गए और तुरंत विवाह करवाने का हठ करने लगे। इस पद्य
    में सूरदास की वात्सल्य भाव की भक्ति का मनोरम वर्णन है। (ii) कृष्ण की माता
    यशोदा है। वे अपने पुत्र की बालसुलभ लीलाओं को देख-सुनकर मंत्रमुग्ध हो
    रही हैं। उन्हें अपने पुत्र के बाल हठ पर आनंद का अनुभव हो रहा है। (iii) बाल कृष्ण अपनी माँ को दूध न पीने, चोटी न गुँथवाने, मोतियों की माला
    न पहनने, गले में झंगलि न पहनने धरती पर लेटने, गोद में न आने और यशोदा के
    स्थान पर नंद का पुत्र कहलाने की धमकियाँ दे रहे हैं। (iv) यशोदा
    अत्यंत चतुराई से कृष्ण के कान में कहती हैं कि वे उसके लिए चंद्र से भी
    सुंदर दुलहन लाएँगी। माँ की यह रहस्य भरी बात सुनकर कृष्ण चंद्र रूपी
    खिलौना लेने का हठ भूल गए और तुरंत विवाह करवाने का हठ करने लगे। इस पद्य
    में सूरदास की वात्सल्य भाव की भक्ति का मनोरम वर्णन है। (ii) कृष्ण की माता
    यशोदा है। वे अपने पुत्र की बालसुलभ लीलाओं को देख-सुनकर मंत्रमुग्ध हो
    रही हैं। उन्हें अपने पुत्र के बाल हठ पर आनंद का अनुभव हो रहा है। (iii) बाल कृष्ण अपनी माँ को दूध न पीने, चोटी न गुँथवाने, मोतियों की माला
    न पहनने, गले में झंगलि न पहनने धरती पर लेटने, गोद में न आने और यशोदा के
    स्थान पर नंद का पुत्र कहलाने की धमकियाँ दे रहे हैं। (iv) यशोदा
    अत्यंत चतुराई से कृष्ण के कान में कहती हैं कि वे उसके लिए चंद्र से भी
    सुंदर दुलहन लाएँगी। माँ की यह रहस्य भरी बात सुनकर कृष्ण चंद्र रूपी
    खिलौना लेने का हठ भूल गए और तुरंत विवाह करवाने का हठ करने लगे। इस पद्य
    में सूरदास की वात्सल्य भाव की भक्ति का मनोरम वर्णन है। (ii) कृष्ण की माता
    यशोदा है। वे अपने पुत्र की बालसुलभ लीलाओं को देख-सुनकर मंत्रमुग्ध हो
    रही हैं। उन्हें अपने पुत्र के बाल हठ पर आनंद का अनुभव हो रहा है। (iii) बाल कृष्ण अपनी माँ को दूध न पीने, चोटी न गुँथवाने, मोतियों की माला
    न पहनने, गले में झंगलि न पहनने धरती पर लेटने, गोद में न आने और यशोदा के
    स्थान पर नंद का पुत्र कहलाने की धमकियाँ दे रहे हैं। (iv) यशोदा
    अत्यंत चतुराई से कृष्ण के कान में कहती हैं कि वे उसके लिए चंद्र से भी
    सुंदर दुलहन लाएँगी। माँ की यह रहस्य भरी बात सुनकर कृष्ण चंद्र रूपी
    खिलौना लेने का हठ भूल गए और तुरंत विवाह करवाने का हठ करने लगे। इस पद्य
    में सूरदास की वात्सल्य भाव की भक्ति का मनोरम वर्णन है।
  • #8-ii [2]
    उनकी माता कौन हैं ? वे अपने पुत्र को देखकर कैसा अनुभव कर रही हैं ? स्पष्ट कीजिए।
    Ans : कृष्ण की माता
    यशोदा है। वे अपने पुत्र की बालसुलभ लीलाओं को देख-सुनकर मंत्रमुग्ध हो
    रही हैं। उन्हें अपने पुत्र के बाल हठ पर आनंद का अनुभव हो रहा है।
  • #8-iii [3]
    खिलौना न मिलने की स्थिति में बाल कृष्ण अपनी माँ को क्या-क्या धमकियाँ दे रहे हैं ? स्पष्ट कीजिए।
    Ans : बाल कृष्ण अपनी माँ को दूध न पीने, चोटी न गुँथवाने, मोतियों की माला
    न पहनने, गले में झंगलि न पहनने धरती पर लेटने, गोद में न आने और यशोदा के
    स्थान पर नंद का पुत्र कहलाने की धमकियाँ दे रहे हैं।
  • #8-iv [3]
    रूठे हुए बालक को बहलाने के लिए माँ क्या कहती है ? बालक पर उसका
    क्या प्रभाव पड़ता है ? सूरदास जी की भक्ति भावना का परिचय देते हुए
    समझाइए।
    Ans : यशोदा
    अत्यंत चतुराई से कृष्ण के कान में कहती हैं कि वे उसके लिए चंद्र से भी
    सुंदर दुलहन लाएँगी। माँ की यह रहस्य भरी बात सुनकर कृष्ण चंद्र रूपी
    खिलौना लेने का हठ भूल गए और तुरंत विवाह करवाने का हठ करने लगे। इस पद्य
    में सूरदास की वात्सल्य भाव की भक्ति का मनोरम वर्णन है।