ICSE-X-Hindi
ICSE Hindi Question Paper 2019 Solved for Class 10 year:2019
Qstn# B-16 Prvs-Qstn
- #16Read the extract given below and answer in Hindi the questions that follow :
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़िए और उसके नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर हिंदी
में लिखिए :बेटा, बड़प्पन बाहर की वस्तु नहीं-बड़प्पन तो मन का होना चाहिए।
और फिर बेटा घृणा को घृणा से नहीं मिटाया जा सकता। बहू तभी पृथक होना
चाहेगी जब उसे घृणा के बदले. घृणा दी जाएगी। लेकिन यदि उसे घृणा के बदले
स्नेह मिले तो उसकी समस्त घृणा धुंधली पड़कर लुप्त हो जाएगी।
[‘सूखी डाली’-उपेन्द्रनाथ ‘अश्क’]
[Sukhi Dali’-Upendranath Ashka’] (i) प्रस्तुत कथन का वक्ता कौन है ? उसका संक्षिप्त परिचय दीजिए। (ii) श्रोता ने वक्ता को छोटी बहू के संबंध में क्या बताया था ? (iii) वक्ता ने परिवार में एकता बनाए रखने का क्या उपाय निकाला ? क्या वे इसमें सफल हुए ? स्पष्ट कीजिए। (iv) प्रस्तुत एकांकी किस प्रकार की एकांकी है ? इस एकांकी लेखन का क्या उद्देश्य है ? (i) प्रस्तुत कथन का वक्ता कौन है ? उसका संक्षिप्त परिचय दीजिए। (ii) श्रोता ने वक्ता को छोटी बहू के संबंध में क्या बताया था ? (iii) वक्ता ने परिवार में एकता बनाए रखने का क्या उपाय निकाला ? क्या वे इसमें सफल हुए ? स्पष्ट कीजिए। (iv) प्रस्तुत एकांकी किस प्रकार की एकांकी है ? इस एकांकी लेखन का क्या उद्देश्य है ?Ans : (i) प्रस्तुत कथन के वक्ता दादा हैं जिनका नाम मूलराज है। वे परिवार के मुखिया हैं। (ii) श्रोता परेश दादा मूलराज से कहता है कि छोटी बहू बेला का इस घर में
मन नहीं लगता। उसे घर का कोई भी सदस्य पसंद नहीं करता। सभी उसकी निंदा करते
हैं। अत: वह स्वतंत्र घर बसाकर रहना चाहती है। (iii) वक्ता ने परिवार
में एकता बनाए रखने के लिए परेश को सुझाव दिया कि वह बेला को साथ ले जाकर
बाज़ार से उसकी पसंद की चीजें खरीदवा दे। वे यह भी कहते हैं कि वे घर में
सभी को समझा देंगे कि कोई भी बेला का अपमान नहीं करेगा। वे इसमें सफल होते
हैं क्योंकि घर के सभी सदस्य बेला को अधिक सम्मान देने लगते हैं जिसकी
प्रतिक्रिया में छोटी बहू को बदलना पड़ता है। (iv) प्रस्तुत एकांकी एक
पारिवारिक एकांकी है जिसमें उपेंद्रनाथ अश्क ने संदेश दिया है कि यदि
दूरदर्शिता, सूझबूझ और व्यावहारिकता से काम लिया जाए तो पारिवारिक समस्याओं
को सुलझाया जा सकता है। छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखने से हमारे परिवार
बिखरने से बचाए जा सकते हैं।
(i) प्रस्तुत कथन के वक्ता दादा हैं जिनका नाम मूलराज है। वे परिवार के मुखिया हैं। (ii) श्रोता परेश दादा मूलराज से कहता है कि छोटी बहू बेला का इस घर में
मन नहीं लगता। उसे घर का कोई भी सदस्य पसंद नहीं करता। सभी उसकी निंदा करते
हैं। अत: वह स्वतंत्र घर बसाकर रहना चाहती है। (iii) वक्ता ने परिवार
में एकता बनाए रखने के लिए परेश को सुझाव दिया कि वह बेला को साथ ले जाकर
बाज़ार से उसकी पसंद की चीजें खरीदवा दे। वे यह भी कहते हैं कि वे घर में
सभी को समझा देंगे कि कोई भी बेला का अपमान नहीं करेगा। वे इसमें सफल होते
हैं क्योंकि घर के सभी सदस्य बेला को अधिक सम्मान देने लगते हैं जिसकी
प्रतिक्रिया में छोटी बहू को बदलना पड़ता है। (iv) प्रस्तुत एकांकी एक
पारिवारिक एकांकी है जिसमें उपेंद्रनाथ अश्क ने संदेश दिया है कि यदि
दूरदर्शिता, सूझबूझ और व्यावहारिकता से काम लिया जाए तो पारिवारिक समस्याओं
को सुलझाया जा सकता है। छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखने से हमारे परिवार
बिखरने से बचाए जा सकते हैं।
- #16-i [2]प्रस्तुत कथन का वक्ता कौन है ? उसका संक्षिप्त परिचय दीजिए।Ans : प्रस्तुत कथन के वक्ता दादा हैं जिनका नाम मूलराज है। वे परिवार के मुखिया हैं।
- #16-ii [2]श्रोता ने वक्ता को छोटी बहू के संबंध में क्या बताया था ?Ans : श्रोता परेश दादा मूलराज से कहता है कि छोटी बहू बेला का इस घर में
मन नहीं लगता। उसे घर का कोई भी सदस्य पसंद नहीं करता। सभी उसकी निंदा करते
हैं। अत: वह स्वतंत्र घर बसाकर रहना चाहती है।
- #16-iii [3]वक्ता ने परिवार में एकता बनाए रखने का क्या उपाय निकाला ? क्या वे इसमें सफल हुए ? स्पष्ट कीजिए।Ans : वक्ता ने परिवार
में एकता बनाए रखने के लिए परेश को सुझाव दिया कि वह बेला को साथ ले जाकर
बाज़ार से उसकी पसंद की चीजें खरीदवा दे। वे यह भी कहते हैं कि वे घर में
सभी को समझा देंगे कि कोई भी बेला का अपमान नहीं करेगा। वे इसमें सफल होते
हैं क्योंकि घर के सभी सदस्य बेला को अधिक सम्मान देने लगते हैं जिसकी
प्रतिक्रिया में छोटी बहू को बदलना पड़ता है।
- #16-iv [3]प्रस्तुत एकांकी किस प्रकार की एकांकी है ? इस एकांकी लेखन का क्या उद्देश्य है ?Ans : प्रस्तुत एकांकी एक
पारिवारिक एकांकी है जिसमें उपेंद्रनाथ अश्क ने संदेश दिया है कि यदि
दूरदर्शिता, सूझबूझ और व्यावहारिकता से काम लिया जाए तो पारिवारिक समस्याओं
को सुलझाया जा सकता है। छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखने से हमारे परिवार
बिखरने से बचाए जा सकते हैं।