ICSE-X-Hindi
ICSE Hindi Question Paper 2019 Solved for Class 10 year:2019
- #11-i [2]उपर्युक्त कथन की वक्ता कौन है ? उसका परिचय दीजिए। (ii) वक्ता ने क्यों कहा कि मीनू यह रस्म नहीं कर सकती ? यहाँ किस रस्म की बात हो रही है ? (iii) वक्ता की बात सुनकर मीनू तथा मीनू की माँ की स्थिति का वर्णन करते
हुए बताइए कि क्या उसके द्वारा वह रस्म पूरी की गई थी ? स्पष्ट कीजिए। (iv) “एक अविवाहित स्त्री को समाज में उचित सम्मान नहीं मिलता।” उपन्यास के आधार पर अपने विचार लिखिए।Ans : प्रस्तुत कथन की वक्ता मीनू की बुआ है। वह परंपराओं से चिपकी हुई
स्त्री है। रीति-रिवाज़ों के नाम पर उसके विचार बहुत पुरातन हैं। वह रीति
के नाम पर किसी को भी चोट पहुँचा सकती है। (ii) मीनू की छोटी बहन आशा
की शादी हो रही थी। एक रस्म के अनुसार बड़ी बहन को आरती उतारनी थी। परंतु
मीनू की अभी तक शादी नहीं हुई थी। अतः वह बड़ी बहन होकर भी इस रस्म को नहीं
निभा सकती थी। (iii) बुआ की बात सुनकर मीनू की माँ ने दृढ़ता का परिचय
दिया और निर्णय सुनाया कि मीनू ही वह रस्म निभाएगी। अतः पुरातनपंथी का
विरोध करते हुए व्यवहारवादी दृष्टि अपनाई गई। विरोध व कटाक्ष की उपेक्षा
करके मीनू ने आरती उतारी। (iv) हमारा समाज अविवाहित स्त्री को सम्मान
देने के पक्ष में नहीं रहा है। परंतु आज युग व दृष्टि बदल रही है। शिक्षित
स्त्रियाँ प्रायः देरी से शादी करती हैं। वे पहले अपने आधार को सुदृढ़ करना
चाहती हैं। उनके विचार विवाह के संदर्भ में बदलते जा रहे हैं।
- #11-ii [2]वक्ता ने क्यों कहा कि मीनू यह रस्म नहीं कर सकती ? यहाँ किस रस्म की बात हो रही है ?Ans : मीनू की छोटी बहन आशा
की शादी हो रही थी। एक रस्म के अनुसार बड़ी बहन को आरती उतारनी थी। परंतु
मीनू की अभी तक शादी नहीं हुई थी। अतः वह बड़ी बहन होकर भी इस रस्म को नहीं
निभा सकती थी।
- #11-iii [3]वक्ता की बात सुनकर मीनू तथा मीनू की माँ की स्थिति का वर्णन करते
हुए बताइए कि क्या उसके द्वारा वह रस्म पूरी की गई थी ? स्पष्ट कीजिए।Ans : बुआ की बात सुनकर मीनू की माँ ने दृढ़ता का परिचय
दिया और निर्णय सुनाया कि मीनू ही वह रस्म निभाएगी। अतः पुरातनपंथी का
विरोध करते हुए व्यवहारवादी दृष्टि अपनाई गई। विरोध व कटाक्ष की उपेक्षा
करके मीनू ने आरती उतारी।
- #11-iv [3]“एक अविवाहित स्त्री को समाज में उचित सम्मान नहीं मिलता।” उपन्यास के आधार पर अपने विचार लिखिए।Ans : हमारा समाज अविवाहित स्त्री को सम्मान
देने के पक्ष में नहीं रहा है। परंतु आज युग व दृष्टि बदल रही है। शिक्षित
स्त्रियाँ प्रायः देरी से शादी करती हैं। वे पहले अपने आधार को सुदृढ़ करना
चाहती हैं। उनके विचार विवाह के संदर्भ में बदलते जा रहे हैं।