CBSE-IX-Hindi
15: नए इलाके में … खुशबू रचते हैं हाथ - अरुण कमल
- Qstn #2‘नए इलाके में’ कविता का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए।Ans : ‘नए इलाके में कविता में उस दुनिया का उल्लेख हुआ है जहाँ इतनी तेजी से बदलाव हो रहा है कि एक दिन में सब कुछ पुराना पड़ता जा रहा है। उस बदलाव के माध्यम से इस ओर भी संकेत किया गया है कि इस जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है। यहाँ स्मृतियों के भरोसे जीना कठिन है। इसलिए पुरानी रीतियों रूढ़ियों को छोड़कर नए परिवर्तन अपनाने को तैयार रहना चाहिए। ऐसा न करने वाला जीवन में पिछड़ जाएगा।
- #Section : Dखुशबू रचते हैं हाथ
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
- Qstn #1‘कूड़े-करकट के ढेरों के बाद’ शब्दों से खुशबू रचने वालों के परिवेश के बारे में क्या पता चलता है?Ans : ‘कूड़े-करकट के ढेरों के बाद’ शब्दों से खुशबू रचने वालों के परिवेश के बारे में यह पता चलता है कि वे बहुत ही गंदे स्थानों पर रहते हैं।
- Qstn #2‘जख्म से फटे हाथ’ मजदूरों की किस दशा की ओर संकेत करते हैं?Ans : ‘जख्म से फटे हाथ’ मजदूरों की गरीबी और अभावग्रस्तता की ओर संकेत करते हैं। ये मज़दूर इतने गरीब हैं कि इन ज़ख्मो के इलाज के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं, और वे मजदूरी न मिलने के डर से इलाज करवाने नहीं जा रहे हैं।
- Qstn #3खुशबू की रचना करने वाले लोग किस उम्र के है? इसके बारे में तुम्हें कैसे पता चलता है?Ans : खुशबू की रचना करने वालों में बच्चे-बूढे अर्थात् हर उम्र के स्त्री-पुरुष और लड़के-लड़कियाँ शामिल हैं। इसका पता हमें उभरी नसों वाले, पीपल के पत्ते से नए-नए और जूही की डाल से खुशबूदार हाथों को देखकर लगता है।
- Qstn #4‘खुशबू रचते हैं हाथ’ में कौन-सी समस्या समाज के लिए घातक है?Ans : किसी भी समाज, देश के बच्चे ही उसका भविष्य होते हैं। इन बच्चों के बाल मजदूर के रूप में काम करने से वे पढ़ लिख नहीं सकेंगे। उनके खेलने-कूदने के दिन मजदूरी करने में बीत रहे हैं। ऐसे में ये बच्चे आजीवन मजदूर बनकर रह जाएँगे। बाल मजदूरी की यह समस्या समाज और राष्ट्र के लिए घातक है।
- Qstn #5खुशबू रचने वाले हाथों के प्रति समाज के धनी वर्ग का क्या कर्तव्य है?Ans : खुशबू रचने वाले हाथ प्रायः बाल मजदूर होते हैं, जो शहर की गंदी बस्तियों एवं बदबूदार स्थानों पर रहते हैं। इन बाल मजदूरों के प्रति के प्रति समाज के धनी वर्ग का कर्तव्य यह है कि वे इन बाल मजदूरों के प्रति संवेदनशील बनकर उनकी शिक्षा और उत्थान के लिए आगे आएँ।
- Qstn #6‘खुशबू रचते हैं हाथ’ कविता में किस समस्या की ओर ध्यानाकर्षित किया गया है?Ans : ‘खुशबू रचते हैं हाथ’ कविता में बाल श्रम और श्रमिक जीवन की समस्या को उभारते हुए समाज में व्याप्त आर्थिक विषमता की ओर ध्यान आकर्षित किया गया है। अगरबत्तियों और धूप (खुशबूदार पदार्थ) से मंदिरों और घरों को महकाने वाले लोग बदबूदार जगहों पर रहने के लिए विवश हैं। इन बाल श्रमिकों के जीवन को उन्नत बनाने की आशा में इस समस्या की ओर ध्यान खींचा गया है।
- #Section : Eदीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
- Qstn #1अगरबत्तियाँ बनाने वाले बाल मज़दूरों के जीवन में सुधार लाने हेतु कुछ सुझाव दीजिए।Ans : खुशबूदार अगरबत्तियाँ बनाने वाले बाल मजदूरों के जीवन में सुधार लाने का सबसे अच्छा उपाय है, उनके हाथों में पुस्तकें पकड़ाना और उन्हें विद्यालय की ओर ले जाना। इससे ये बाल मजदूर पढ़-लिखकर कार्य कुशल बन जाएँगे। इनके लिए पढ़ाई के साथ-साथ विभिन्न कामों के प्रशिक्षण की भी व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि ये बाल श्रमिक कुशल कारीगर बनकर स्वरोजगार कर सकें और मज़दूर बनकर जीवन बिताने के लिए विवश न हों। इससे इस वर्ग के बच्चों का जीवन स्तर ऊँचा उठ जाएगा।
- Qstn #2‘खुशबू रचते हैं हाथ’ कविता देश में व्याप्त किस विषमता की ओर संकेत करती है? इसका सामाजिक विकास पर क्या असर पड़ता है?Ans : ‘खुशबू रचते हैं हाथ’ कविता देश में व्याप्त में आर्थिक विषमता की ओर संकेत करती है। इसके अलावा यह कविता समाज के वर्ग भेद पर भी चोट करती है। हमारे समाज में अमीर वर्ग द्वारा गरीबों एवं बच्चों का इस तरह शोषण किया जाता है कि गरीब वर्ग आजीवन इससे उबर नहीं पाता है। इससे गरीब एवं उसके बच्चों को काम करने पर भी रोटी, कपड़ी जैसी मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध नहीं हो पाती हैं। इससे सामाजिक विकास का लक्ष्य कहीं बहुत पीछे छूट जाता है। इससे अमीर और गरीब के मध्य की खाई और भी गहरी होती चली जाती है।