CBSE-IX-Hindi
10: दोहे - रहीम
- #2-कटूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।Ans : भाव यह है कि प्रेम का बंधन अत्यंत नाजुक होता है। इसमें कटुता आने पर मन की मलिनता कहीं न कहीं बनी ही रह जाती है। प्रेम का यह बंधन टूटने पर सरलता से नहीं जुड़ता है। यदि जुड़ता भी है तो इसमें गाँठ पड़ जाती है।
- #2-खसुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहैं कोय।Ans : भाव यह है कि जब हम सहानुभूति और मुद्रदै पाने की आशा से अपना दुख दूसरों को सुनाते हैं तो लोग सहानुभूति दर्शाने और मदद करने की अपेक्षा हमारा मजाक उड़ाना शुरू कर देते हैं। अतः दूसरों को अपना दुख बताने से बचना चाहिए।
- #2-गरहिमन मूलहिं सचिबो, फूलै फलै अघाय।Ans : भाव यह है कि किसी पेड़ से फल-फूल पाने के लिए उसके तने, पत्तियों और शाखाओं को पानी देने के बजाय उसकी जड़ों को पानी देने से ही वह खूब हरा-भरा होता है और फलता-फूलता है। इसी तरह एक समय में एक ही काम करने पर उसमें सफलता मिलती है।
- #2-घदीरघ दोहा अरथ के, आखर थोरे आहिं।Ans : भाव यह है कि किसी वस्तु का आकार ज्यादा महत्त्वपूर्ण नहीं होता है, महत्त्व होता है उसमें निहित अर्थ का। दोहे का महत्त्व इसलिए है कि वह कम शब्दों में गूढ़ अर्थ समेटे रहता है।
- #2-ङनाद :रीझि तन देत मृग, नर धन हेत समेतAns : भाव यह है कि प्रसन्न होने पर मनुष्य ही नहीं, पशु भी अपना तने तक दे देते हैं परंतु कुछ मनुष्य पशुओं से भी बढ़कर पशु होते हैं। वे धन के लिए अपना सब कुछ दे देते हैं।
- #2-चजहाँ काम आवे सुई, कहा करे तरवारि।Ans : भाव यह है कि वस्तु की महत्ता उसके आकार के कारण नहीं, बल्कि उसकी उपयोगिता के कारण होती है। छोटी से छोटी वस्तु का भी अपना महत्त्व होता है, क्योंकि जो काम सुई कर सकती है उसे तलवार नहीं कर सकती है।
- #2-छपानी गए न ऊबरै, मोती, मानुष, चून।Ans : भाव यह है कि मनुष्य को सदैव पानी बचाकर रखना चाहिए क्योंकि पानी (चमक) जाने पर मोती साधारण पत्थर, सी रह जाती है, पानी (इज्जत) जाने पर मनुष्य स्वयं को अपमानित-सा महसूस करता है और पानी (जल) न रहने पर आटे से रोटियाँ नहीं बनाई जा सकती हैं।
- Qstn #3निम्नलिखित भाव को पाठ में किन पंक्तियों द्वारा अभिव्यक्त किया गया है-
- जिस पर विपदा पड़ती है वही इस देश में आता है।
- कोई लाख कोशिश करे पर बिगड़ी बात फिर बन नहीं सकती।
- पानी के बिना सब सूना है अतः पानी अवश्य रखना चाहिए।
Ans :- जा पर विपदा पड़त है, सो आवत यह देस।
- बिगरी बात बनै नहीं, लाख करौ किन कोय।
- रहिमन पानी राखिए, बिनु पानी सब सून।
- जिस पर विपदा पड़ती है वही इस देश में आता है।
- Qstn #3निम्नलिखित भाव को पाठ में किन पंक्तियों द्वारा अभिव्यक्त किया गया है-
- जिस पर विपदा पड़ती है वही इस देश में आता है।
- कोई लाख कोशिश करे पर बिगड़ी बात फिर बन नहीं सकती।
- पानी के बिना सब सूना है अतः पानी अवश्य रखना चाहिए।
Ans :- जा पर विपदा पड़त है, सो आवत यह देस।
- बिगरी बात बनै नहीं, लाख करौ किन कोय।
- रहिमन पानी राखिए, बिनु पानी सब सून।
- जिस पर विपदा पड़ती है वही इस देश में आता है।
- Qstn #4उदाहरण के आधार पर पाठ में आए निम्नलिखित शब्दों के प्रचलित रूप लिखिए-
उदाहरण : कोय - कोई, जे - जो
- ज्यों - ..........
- कछु - .........
- नहीं - .........
- कोय - ........
- धनि - ..........
- आखर - .........
- जिय - ..........
- थोरे - ........
- होय - .........
- माखन - ..........
- तरवारि - ...........
- सचिबो - .............
- मूलहिं - ..........
- पिअत - ..........
- पियासो - ..........
- बिगरी - ..........
- आवे - .........
- सहाय - ..........
- ऊबरै - ...........
- बिनु - .........
- बिया - ..........
- अठिलैहैं - ...........
- परिजाय - ...........
Ans :- ज्यों - जैसे
- कुछ - कछु
- नहिं - नहीं
- कोय - कोई
- धनि - धनी
- आखर - अक्षर
- जिय - जी
- थोरे - थोडे
- होय - होना
- माखन - मक्खन
- तरवारि - तलवार
- सींचिबो - सिंचाई करना
- मूलहिं - मूल
- पिअत - पीना
- पियासो - प्यासा
- बिगरी - बिगड़ी
- आवे - आए
- सहाय - सहायक
- ऊबरै - उबरना
- बिनु - बिना
- बिथा - व्यथा
- अठिलैहैं - अठखेलियाँ
- परिजाय - पड़ जाए
- ज्यों - ..........
- Qstn #4उदाहरण के आधार पर पाठ में आए निम्नलिखित शब्दों के प्रचलित रूप लिखिए-
उदाहरण : कोय - कोई, जे - जो
- ज्यों - ..........
- कछु - .........
- नहीं - .........
- कोय - ........
- धनि - ..........
- आखर - .........
- जिय - ..........
- थोरे - ........
- होय - .........
- माखन - ..........
- तरवारि - ...........
- सचिबो - .............
- मूलहिं - ..........
- पिअत - ..........
- पियासो - ..........
- बिगरी - ..........
- आवे - .........
- सहाय - ..........
- ऊबरै - ...........
- बिनु - .........
- बिया - ..........
- अठिलैहैं - ...........
- परिजाय - ...........
Ans :- ज्यों - जैसे
- कुछ - कछु
- नहिं - नहीं
- कोय - कोई
- धनि - धनी
- आखर - अक्षर
- जिय - जी
- थोरे - थोडे
- होय - होना
- माखन - मक्खन
- तरवारि - तलवार
- सींचिबो - सिंचाई करना
- मूलहिं - मूल
- पिअत - पीना
- पियासो - प्यासा
- बिगरी - बिगड़ी
- आवे - आए
- सहाय - सहायक
- ऊबरै - उबरना
- बिनु - बिना
- बिथा - व्यथा
- अठिलैहैं - अठखेलियाँ
- परिजाय - पड़ जाए
- ज्यों - ..........
- #Section : A-s1योग्यता विस्तार
- #Section : A-s1योग्यता विस्तार
- Qstn #1‘सुई की जगह तलवार काम नहीं आती’ तथा ‘बिन पानी सब सून’ इन विषयों पर कक्षा में परिचर्चा आयोजित कीजिए।Ans : छात्र स्वयं करें।