CBSE-IX-Hindi
08: शक्र तारे के समान - स्वामी आनंद
- Qstn #4महादेव, भाई की अकाल मृत्यु को कारण क्या था?Ans : महादेव भाई की अकाल मृत्यु को कारण उनकी व्यस्तता तथा विवशता थी। सुबह से शाम तक काम करना और गरमी की ऋतु में ग्यारह मील पैदल चलना ही उनकी मौत का कारण बने।
- Qstn #5महादेव भाई के लिखे नोट के विषय में गांधी जी क्या कहते थे?Ans : महादेव भाई के द्वारा लिखित नोट बहुत ही सुंदर और इतने शुद्ध होते थे कि उनमें कॉमी और मात्रा की भूल और छोटी गलती भी नहीं होती थी। गांधी जी दूसरों से कहते कि अपने नोट महादेव भाई के लिखे नोट से ज़रूर मिला लेना।
- #Section : A-s2(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
- Qstn #1पंजाब में फ़ौजी शासन ने क्या कहर बरसाया?Ans : पंजाब में फ़ौजी शासन ने काफी आतंक मचाया। पंजाब के अधिकतर नेताओं को गिरफ्तार किया गया। उन्हें उम्र कैद की सज़ा देकर काला पानी भेज दिया गया। 1919 में जलियाँवाला बाग में सैकड़ों निर्दोष लोगों को गोलियों से भून दिया गया। ‘ट्रिब्यून’ के संपादक श्री कालीनाथ राय को 10 साल की जेल की सज़ा दी गई।
- Qstn #2महादेव जी के किन गुणों ने उन्हें सबका लाडला बना दिया था?Ans : महादेव भाई गांधी जी के लिए पुत्र के समान थे। वे गांधी का हर काम करने में रुचि लेते थे। गांधी जी के साथ देश भ्रमण तथा विभिन्न गतिविधियों में हिस्सा लेते थे। वे गांधी जी की गतिविधियों पर टिप्पणी करते थे। महादेव जी की लिखावट बहुत सुंदर, स्पष्ट थी। वे इतना शुद्ध लिखते थे कि उसमें मात्रा और कॉमा की भी अशुधि नहीं होती थी। वे पत्रों का जवाब जितनी शिष्टता से देते थे, उतनी ही विनम्रता से लोगों से मिलते थे। वे विरोधियों के साथ भी उदार व्यवहार करते थे। उनके इन्हीं गुणों ने उन्हें सभी का लाडला बना दिया।
- Qstn #3महादेव जी की लिखावट की क्या विशेषताएँ थीं?Ans : पूर्णत: शुद्ध और सुंदर लेख लिखने में महादेव भाई का भारत भर में कोई सानी नहीं था। वे तेज़ गति से लंबी लिखाई कर सकते थे। उनकी लिखावट में कोई भी गलती नहीं होती थी। लोग टाइप करके लाई ‘रचनाओं को महादेव की रचनाओं से मिलाकर देखते थे। उनके लिखे लेख, टिप्पणियाँ, पत्र और गाँधीजी के व्याख्यान सबके सब ज्यों-के-ज्यों प्रकाशित । होते थे।
- #Section : A-s3(ग) निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए-
- Qstn #1‘अपना परिचय उनके ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में देने में वे गौरवान्वित महसूस करते थे।’Ans : आशय-महादेव भाई गांधी जी के निजी सचिव और निकटतम सहयोगी थे। इसके बाद भी उन्हें अभिमान छू तक न गया था। वे गांधी जी के प्रत्येक काम को करने के लिए तैयार रहते थे। वे गांधी जी की प्रत्येक गतिविधि, उनके भोजन और दैनिक कार्यों में सदैव साथ देते थे। वे स्वयं को गांधी का सलाहकार, उनका रसोइया, मसक से पानी ढोने वाला तथा बिना विरोध के गधे के समान काम करने वाला मानते थे।
- Qstn #2इस पेशे में आमतौर पर स्याह को सफेद और सफ़द को स्याह करना होता था।Ans : महादेव ने गाँधी जी के सान्निध्य में आने से पहले वकालत का काम किया था। इस काम में वकीलों को अपना केस जीतने के लिए सच को झूठ और झूठे को सच बताना पड़ता है। इसलिए कहा गया है कि इस पेशे में स्याह को सफ़ेद और सफ़ेद को स्याह करना होता था।
- Qstn #3देश और दुनिया को मुग्ध करके शुक्रतारे की तरह ही अचानक अस्त हो गए।Ans : आशय- नक्षत्र मंडल में करोड़ों तारों के मध्य शुक्रतारा अपनी आभा-प्रभा से सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लेता है, भले ही उसका चमक अल्पकाल के लिए हो। यही हाल महादेव भाई देसाई का था। उन्होंने अपने मिलनसार स्वभाव, मृदुभाषिता, अहंकार रहित विनम्र स्वभाव, शुद्ध एवं सुंदर लिखावट तथा लेखक की मनोहारी शैली से सभी का दिल जीत लिया था। अपनी असमय मृत्यु के कारण वे कार्य-व्यवहार से अपनी चमक बिखेर कर अस्त हो गए।
- Qstn #4उन पत्रों को देख-देखकर दिल्ली और शिमला में बैठे वाइसराय लंबी साँस-उसाँस लेते रहते थे।Ans : महादेव इतनी शुद्ध और सुंदर भाषा में पत्र लिखते थे कि देखने वालों के मुँह से वाह निकल जाती थी। गाँधी जी के पत्रों का लेखन महादेव करते थे। वे पत्र जब दिल्ली व शिमला में बैठे वाइसराय के पास जाते थे तो वे उनकी सुंदर लिखावट देखकर दंग रह जाते थे।
- #Section : A-s4भाषा-अध्ययन
- Qstn #1‘इक’ प्रत्यय लगाकर शब्दों का निर्माण कीजिए-
- सप्ताह - साप्ताहिक
- अर्थ - ...........
- साहित्य - ...........
- धर्म - ...........
- व्यक्ति - .............
- मास - ..........
- राजनीति - ............
- वर्ष - ..........
Ans :- सप्ताह - साप्ताहिक
- अर्थ - आर्थिक
- साहित्य - साहित्यिक
- धर्म - धार्मिक
- व्यक्ति - वैयक्तिक
- मास - मासिक
- राजनीति - राजनैतिक
- वर्ष - वार्षिक
- सप्ताह - साप्ताहिक
- Qstn #2नीचे दिए गए उपसर्गों का उपयुक्त प्रयोग करते हुए शब्द बनाइए-
अ, नि, अन, दुर, वि, कु, पर, सु, अधिAns :- आर्य - अन + आर्य = अनार्य
- आगत - सु + आगत = स्वागत
- डर - नि + डर = निडर
- आकर्षक - अन + आकर्षक = अनाकर्षक
- क्रय - वि + क्रय = विक्रय
- मार्ग - कु + मार्ग = कुमार्ग
- उपस्थित - अन + उपस्थित = अनुपस्थित
- लोक - पर + लोक = परलोक
- नायक - वि + नायक = विनायक
- भाग्य - दुर + भाग्य = दुर्भाग्य
- आर्य - अन + आर्य = अनार्य
- Qstn #3निम्नलिखित मुहावरों को अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
आड़े हाथों लेना, दाँतों तले अंगुली दबाना, लोहे के चने चबाना, अस्त हो जाना, मंत्रमुग्ध करना।Ans : मुहावरे - वाक्य प्रयोग
आड़े हाथों लेना - देर से घर आने पर पिता ने पुत्र को आड़े हाथों लिया।
दाँतों तले अँगुली दबाना - लक्षमीबाई का रण कौशल देख अंग्रेज़ों ने दाँतों तले अँगुली दबा ली।
लोहे के चने चबाना - इस रेगिस्तान को हरा-भरा बनाना लोहे के चने चबाने जैसा है।
अस्त हो जाना - अपनी प्रतिभा की चमक दिखाकर महादेव भाई असमय अस्त हो गए।
मंत्रमुग्ध करना - सुमन के बुने स्वेटर की बुनाई मुझे मंत्रमुग्ध कर रही है।