CBSE-IX-Hindi

07: धर्म की आड़ - गणेशशंकर विद्यार्थी

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  • Qstn #5
    ‘भी’ का प्रयोग करते हुए पाँच वाक्य बनाइए-
    उदाहरण : आज मुझे बाज़ार होते हुए अस्पताल भी जाना है।
    Ans :

    • यहाँ आम के साथ नीम के भी पौधे लगाना।
    • बाज़ार से फल के साथ सब्जियाँ भी लाना।
    • सुमन के साथ काव्या भी आएगी।
    • पूजा-पाठ के अलावा सदाचार भी सीखना चाहिए।
    • किसानों की समस्याएँ अभी भी ज्यों की त्यों हैं।
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    Section : A-s5
    योग्यता विस्तार
  • Qstn #1
    ‘धर्म एकता का माध्यम है’- इस विषय पर कक्षा में परिचर्चा कीजिए।
    Ans : ‘धर्म एकता का माध्यम है’ इस विषय पर छात्र स्वयं चर्चा करें।
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    Section : B
    अन्य पाठेतर हल प्रश्न
    लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
    निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर लिखिए-
  • Qstn #1
    रमुआ पासी और बुधू मियाँ किनके प्रतीक हैं?
    Ans : रमुआ पासी और बुद्धू मियाँ उन लोगों-करोड़ों अनपढ़ साधारण-से आदमियों के प्रतीक हैं जो धर्म के नाम पर आसानी से बहलाए-फुसलाए जा सकते हैं।
  • Qstn #2
    रमुआ और बुधू मियाँ जैसे लोगों का दोष क्या है?
    Ans : रमुआ और बुद्धू मियाँ जैसे लोगों का दोष यह है कि वे अपने दिमाग से कोई बात सोचे बिना दूसरों के बहकावे में आ जाते हैं और धर्म को जाने बिना धर्मांधता में अपनी जान देने को तैयार रहते हैं।
  • Qstn #3
    साम्यवाद का जन्म क्यों हुआ?
    Ans : पश्चिमी देशों में गरीबों को पैसे का लालच दिखाकर उनसे काम लिया जाता है। उनकी कमाई का असली फायदा धनी लोग उठाते हैं और गरीबों का शोषण करते हैं। इसी शोषण के विरोध में साम्यवाद का जन्म हुआ।
  • Qstn #4
    गांधी जी के अनुसार धर्म का स्वरूप क्या था?
    Ans : गांधी जी के अनुसार धर्म में ऊँचे और उदार तत्व होने चाहिए। उनमें त्याग, दूसरों की भलाई, सहिष्णुता, सद्भाव जैसे तत्व होने चाहिए। दूसरे को दुख देने वाले भाव, असत्यता, धर्मांधता तथा बाह्य आडंबर धर्म के तत्व नहीं होने चाहिए।
  • Qstn #5
    चालाक लोग सामान्य आदमियों से किस तरह फायदा उठा लेते हैं? पठित पाठ के आधार पर लिखिए।
    Ans : चालाक लोग सामान्य लोगों की धार्मिक भावनाओं का शोषण करना अच्छी तरह जानते हैं। ये सामान्य लोग धर्म के बारे में कुछ नहीं जानते हैं। वे लकीर को पीटते रहना ही धर्म समझते हैं। ये चालाक लोग धर्म का भय दिखाकर उनसे अपनी बातें मनवा ही लेते हैं और उनसे फायदा उठा लेते हैं।
  • Qstn #6
    लेखक किसके द्वारा किए गए शोषण को बुरा मानता है-धनायों द्वारा या अपने देश के स्वार्थी तत्वों द्वारा किए जा रहे शोषण को? पाठ के आलोक में लिखिए।
    Ans : लेखक जानता है कि पाश्चात्य देशों में अमीरों द्वारा अपने धन का लोभ दिखाकर गरीबों का शोषण किया जाता है, परंतु हमारे देश में स्वार्थी तत्व गरीबों का शोषण धर्म की आड़ में लोगों की बुधि पर परदा डालकर करते हैं। लेखक इस शोषण को ज्यादा बुरा मानता है।
  • Qstn #7
    हमारे देश में धर्म के ठेकेदार कहलाने का दम भरने वाले लोग मूर्ख लोगों का शोषण किस तरह करते हैं?
    Ans : हमारे देश में धर्म के ठेकेदार कहलाने का दम भरने वाले लोग मूर्ख लोगों के मस्तिष्क में धर्म का उन्माद भरते हैं और फिर उसकी बुधि में ईश्वर और आत्मा का स्थान अपने लिए सुरक्षित करके धर्म, आत्मा, ईश्वर, ईमान आदि के नाम पर एक-दूसरे से लड़ाते हैं।
  • Qstn #8
    लेखक की दृष्टि में धर्म और ईमान को किसका सौदा कहा गया है और क्यों ?
    Ans : लेखक ने दृष्टि में धर्म और ईमान को मन का सौदा कहा गया है क्योंकि यह व्यक्ति का अधिकार है कि उसका मन किस धर्म को मानना चाहता है। इसके लिए व्यक्ति को पूरी आज़ादी होनी चाहिए। व्यक्ति को कोई धर्म अपनाने या त्यागने के लिए विवश नहीं किया जाना चाहिए।
  • Qstn #9
    लेखक ने लोगों के किन कार्यों को वाह्याडंबर कहा है और क्यों?
    Ans : लेखक ने लोगों द्वारा अजाँ देने, नमाज पढ़ने, पूजा-पाठ करने, नाक दबाने आदि को वाह्याडंबर कहा है क्योंकि ऐसा करके व्यक्ति ने अपनी आत्मा को शुद्ध कर पाता है और न अपना भला। इन कार्यों का उपयोग वह अपनी धार्मिकता को दिखाने के लिए करता है जिससे भोले-भाले लोगों पर अपना वर्चस्व बनाए रख सके।
  • Qstn #10
    धर्म के बारे में लेखक के विचारों को स्पष्ट करते हुए बताइए कि ये विचार कितने उपयुक्त हैं?
    Ans : धर्म के बारे में लेखक के विचार धर्म के ठेकेदारों की आँखें खोल देने वाले और उन्हें धर्म का सही अर्थ समझाने वाले हैं। लेखक के इन विचारों में धर्मांधता, दिखावा और आडंबर की जगह जनकल्याण की भावना समाई है। इस रूप में धर्म के अपनाने से दंगे-फसाद और झगड़े स्वतः ही समाप्त हो सकते हैं। लेखक के ये विचार आज के परिप्रेक्ष्य में पूर्णतया उपयुक्त और प्रासंगिक हैं।
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    Section : C
    दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर