CBSE-IX-Hindi
15: मेघ आए
- Qstn #4भाव स्पष्ट कीजिए
- क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की
- बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी, पूँघट सरके।
Ans :- भाव यह है कि एक साल बीतने को हो रहे थे पर नवविवाहिता लता का पति मेघ उससे मिलने नहीं आया था। इससे लता के मन में जो भ्रम बन गया था वह मेघ के आने से टूट गया और वह क्षमा माँगने लगी।
- मेघ रूपी मेहमान को देखने के लिए नदी रूपी नवविवाहिता ठिठक गई और उसने पूँघट उठाकर मेहमान को देखा।
- Qstn #5मेध रूपी मेहमान के आने से वातावरण में क्या परिवर्तन हुए?Ans : मेघ के आने से बयार चलने लगी। पेड़ झुकने लगे। आँधी और धूल चलने लगी, नदी बाँकी होकर बहने लगी। बूढे पीपल झुकने लगे। लताएँ पेड़ की ओट में छिपने लगीं। तालाब जल से भर उठे। आकाश में मेघ छा गए। अंत में धारासार वर्षा हुई।
मेहमान (दामाद) के आने पर गाँव की कन्याएँ और युवतियाँ प्रसन्न हो उठीं। लोग अपने खिड़की-दरवाजे खोलखोलकर उन्हें निहारने लगे। आते-जाते लोग उन्हें गरदन उठाकर देखने लगे। नवयुवतियों ने पूँघट सरकाकर उन्हें निहारा। बूढी स्त्रियाँ विनम्रतापूर्वक उनका स्वागत करने लगीं। अतिथि की प्रिया मान करने लगी। फिर अचानक वह क्षमा माँगने लगी। दोनों की आँखों से प्रेमाश्रु बह चले।
- Qstn #6मेघों के लिए ‘बन-ठने के, सँवर के आने की बात क्यों कही गई है?Ans : मेघों के लिए ‘बन-ठन के, सँवर के आने की बात इसलिए कही गई है क्योंकि वर्षा के बादल काले-भूरे रंग के होते हैं। नीले आकाश में उनका रंग मनोहारी लगता है। इसके अलावा गाँवों में बादलों का बहुत महत्त्व है तथा उनका इंतजार किया जाता है।
- Qstn #7कविता में आए मानवीकरण तथा रूपक अलंकार के उदाहरण खोजकर लिखिए।Ans : मानवीकरण-
- मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के
- आगे-आगे नाचती-गाती बयार चली
- पेड़ झुक झाँकने लगे, गरदन उचकाए
- धूल भागी घाघरा उठाए
- बाँकी चितवन उठा, नदी ठिटकी
- बूढे पीपल ने आगे बढ़कर जुहार की
- ‘बरस बाद सुधि लीन्हीं
बोली अकुलाई लता ओट हो किवार की - हरसायो ताल लाया पानी परात भर के।
रूपक - क्षितिज-अटारी गहराई।
- Qstn #8कविता में जिन रीति-रिवाजों का मार्मिक चित्रण हुआ है, उनका वर्णन कीजिए।Ans : कविता में अनेक रीति-रिवाजों का मार्मिक चित्रण हुआ है; जैसे-
- मेहमान के आने की सूचना पाकर सारा गाँव उल्लसित हो जाना।
- उत्साहित एवं जिज्ञासु होकर मेहमान को देखना।
- घर के बुजुर्ग द्वारा मेहमान का आदर-सत्कार करना।
- मेहमान के पैर धोने के लिए थाल में पानी भर लाना।
- नवविवाहिता स्त्री द्वारा पूँघट की ओट से मेहमान को देखना
- मायके वालों की उपस्थिति में नवविवाहिता नायिका द्वारा अपने पति से बात न करना।
- Qstn #9कविता में कवि ने आकाश में बादल और गाँव में मेहमान (दामाद) के आने का जो रोचक वर्णन किया है, उसे लिखिए।Ans : मेघ रूपी शहरी पाहुन के आते ही पूरा गाँव उल्लास से भर उठा। शीतल बयार नाचती-गाती हुई पाहुन के आगे-आगे चलने लगी। सभी ग्रामवासियों ने अपने दरवाजे और खिड़कियाँ खोल लिए, ताकि वे पाहुन के दर्शन कर सकें। पेड़ उचक-उचककर पाहुन को देखने लगे। आँधी अपना घाघरा उठाए दौड़ चली। नदी बंकिम नयनों से मेघ की सज-धज को देखकर हैरान हो गई। गाँव के पुराने पीपल ने भी मानो झुककर नमस्ते की। आँगन की लता संकोच के मारे दरवाजे की ओट में सिकुड़ गई और बोली-तुमने तो बरसों बाद हमारी सुध ली है। गाँव का तालाब पाहुन के स्वागत में पानी की परात भर लाया। क्षितिज रूपी अटारी लोगों से लद गई। बिजली भी चमकने लगी। इस प्रकार पूरा गाँव उल्लास से तरंगित हो उठा।
- Qstn #10काव्य-सौंदर्य लिखिए-
पाहन ज्यों आए हों गाँव में शहर के।
मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।Ans : भाव सौंदर्य- इन पंक्तियों में शहर में रहने वाले दामाद का गाँव में सज-सँवरकर आने का सुंदर चित्रण है।
शिल्प-सौंदर्य
- पाहुन ज्यों आए हों गाँव में शहर के’ में उत्प्रेक्षा अलंकार, ‘बड़े बन-ठनके’ में अनुप्रास तथा ‘मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के’ में मानवीकरण अलंकार है।
- भाषा साहित्यिक खड़ी बोली है।
- रचना तुकांतयुक्त है।
- दृश्य बिंब साकार हो उठा है।
- माधुर्य गुण है।
- #Section : Bअन्य पाठेतर हल प्रश्न
लघु उत्तरीय प्रश्न
“निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दीजिए”
- Qstn #1‘मेघ आए’ कविता में बादलों को किसके समान बताया गया है?Ans : ‘मेघ आए’ कविता में बादलों को शहर से आने वाले दामाद के समान बताया गया है क्योंकि बादल गाँव में उसी तरह सज-धजकर आ रहे हैं जैसे शहरी दामाद सज-धजकर आता है या इन बादलों का इंतज़ार भी दामाद की ही तरह किया जाता है।
- Qstn #2लता रूपी नायिका ने मेहमान से अपना रोष किस प्रकार प्रकट किया?Ans : नवविवाहिता लता रूपी नायिका अपने पति का इंतज़ार कर रही थी पर उसका पति एक साल बाद लौटा तो लता ने उससे रोष प्रकट करते हुए कहा, “तुमने तो पूरे साल भर बाद सुधि लिया है।” अर्थात् वह पहले क्यों नहीं आ गया।
- Qstn #3बूढ़ा पीपल किसको प्रतीक है? उसने मेहमान का स्वागत किस तरह किया?Ans : बूढ़ा पीपल घर के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति का प्रतीक है। उसने मेहमान को आया देखकर आगे बढ़कर राम-जुहार की और उससे कुशल क्षेम पूछते हुए यथोचित स्थान पर बिठाया।
- Qstn #4‘बाँध टूटा झर-झर मिलन के अश्रु ढरके’ के आधार पर बताइए कि ऐसा कब हुआ और क्यों?Ans : ‘बाँध टूटा आया मेघ रूपी मेहमान अपनी लता रूपी नवविवाहिता पत्नी से मिला। पहले तो लता ने अपना रोष प्रकट किया और फिर उसका धैर्य टूटा। इससे उनकी आँखों से आँसू बहने लगे।
- Qstn #5प्राकृतिक रूप से किस श्रम की गाँठ खुलने की बात कही गई है? ‘मेघ आए’ कविता के आधार पर लिखिए।Ans : ग्रामीण संस्कृति में बादलों का बहुत महत्त्व है। वहाँ कृषि-कार्य बादलों पर निर्भर करता है, इसलिए बादलों की प्रतीक्षा की जाती है। इस बार जब साल बीत जाने पर भी बादल नहीं आए तो लोगों के मन में यह भ्रम हो गया था कि इस साल अब बादल नहीं आएँगे पर बादलों के आ जाने से उनके इस भ्रम की गाँठ खुल गई।
- Qstn #6‘मेघ आए’ कविता में किस संस्कृति का वर्णन किया गया है? सोदाहरण लिखिए।Ans : ‘मेघ आए’ कविता में ग्रामीण संस्कृति का वर्णन है। बादलों के आगमन पर उल्लास का वातावरण बनना, हवा चलना, पेड़ पौधों का झूमना, आँधी चलना, धूल उड़ना, लता का पेड़ की ओट में छिपना बादलों का गहराना, बिजली का चमकना, बरसात होना आदि सभी ग्रामीण संस्कृति से ही संबंधित हैं।
- Qstn #7कविता में मेघ रूपी मेहमान के आने पर कौन क्या कर रहे हैं?Ans : ‘मेघ आए’ कविता में हवा मेघ आने की सूचना देने का काम, पेड़ों द्वारा मेघ को देखने का कार्य, बूढ़ा पीपल, मेघ का स्वागत एवं अभिवादन करने, ताल द्वारा परात में पानी भरकर लाने का काम, लता द्वारा उलाहना देने एवं उससे मिलने का काम किया जा रहा है।