CBSE-IX-Hindi

10: वाख

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  • #4
    भाव स्पष्ट कीजिए-
    (क) जेब टटोली कौड़ी न पाई।
    (ख) खा-खाकर कुछ पाएगा नहीं, न खाकर बनेगा अहंकारी।
    Ans : (क) “जेब टाटोली कौड़ी न पाई’ का भाव यह है कि सहज भाव से प्रभु भक्ति न करके कवयित्री ने हठयोग का सहारा लिया। इस कारण जीवन के अंत में कुछ भी प्राप्त न हो सका।
    (ख) भाव यह है कि मनुष्य को संयम बरतते हुए सदैव मध्यम मार्ग अपनाना चाहिए। अधिकाधिक भोग-विलास में डूबे रहने से मनुष्य को कुछ नहीं मिलता है और भोग से पूरी तरह दूरी बना लेने पर उसके मन में अहंकार जाग उठता है।