CBSE-IX-Hindi

09: साखियाँ एवं सबद

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  • #7
    काव्य सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-
    हस्ती चढ़िए ज्ञान कौ, सहज दुलीचा डारि।
    स्वान रूप संसार है, भेंकन दे झख मारि।
    Ans :

    • इसमें कवि ने एक सशक्त चित्र उपस्थित किया है। सहज साधक मस्ती से हाथी पर चढ़े हुए जा रहे हैं।
      और संसार-भर के कुत्ते भौंक-भौंककर शांत हो रहे हैं परंतु वे हाथी का कुछ बिगाड़ नहीं पा रहे। यह चित्र निंदकों पर व्यंग्य है और साधकों के लिए प्रेरणा है।

    • सांगरूपक अलंकार का कुशलतापूर्वक प्रयोग किया गया है
      ज्ञान रूपी हाथी
      सहज साधना रूपी दुलीचा
      निंदक संसार रूपी श्वान
      निंदा रूपी भौंकना

    • ‘झख मारि’ मुहावरे का सुंदर प्रयोग।

    • ‘स्वान रूप संसार है’ एक सशक्त उपमा है।

    • सबद (पद)