CBSE-IX-Hindi
03: उपभोक्तावाद की संस्कृति
- #1‘सुख की व्याख्या बदल गई है’ के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है?
अथवा
‘उपभोक्तावाद की संस्कृति’ पाठ के आधार पर बताइए कि कौन-सी बात सुख बनकर रह गई है?Ans : पहले लोगों को त्याग, परोपकार तथा अच्छे कार्यों से मन को जो सुख-शांति मिलती थी उसे सुख मानते थे, पर आज विभिन्न वस्तुओं और भौतिक साधनों के उपभोग को सुख मानने लगे हैं।