CBSE-IX-Hindi
03: उपभोक्तावाद की संस्कृति
- #9धीरे-धीरे सब कुछ बदल रहा है।
इस वाक्य में बदल रहा है’ क्रिया है। यह क्रिया कैसे हो रही है-धीरे-धीरे। अतः यहाँ धीरे-धीरे क्रिया-विशेषण है। जो शब्द क्रिया की विशेषता बताते हैं, क्रिया-विशेषण कहलाते हैं। जहाँ वाक्य में हमें पता चलता है क्रिया कैसे, कितनी और कहाँ हो रही है, वहाँ वह शब्द क्रिया-विशेषण कहलाता है।
(क) ऊपर दिए गए उदाहरण को ध्यान में रखते हुए क्रिया-विशेषण से युक्त लगभग पाँच वाक्य पाठ में से छाँटकर लिखिए।
(ख) धीरे-धीरे, जोर से, लगातार, हमेशा, आजकल, कम, ज्यादा, यहाँ, उधर, बाहर-इन क्रिया-विशेषण शब्दों को प्रयोग करते हुए वाक्य बनाइए।
(ग) नीचे दिए गए वाक्यों में से क्रिया-विशेषण और विशेषण शब्द छाँटकर अलग लिखिए-
Ans : (क)
- धीरे-धीरे सब कुछ बदल रहा है। (‘ धीरे-धीरे रीतिवाचक क्रिया-विशेषण) (सब-कुछ ‘परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण’)
- आपको लुभाने की जी-तोड़ कोशिश में निरंतर लगी रहती है। (‘निरंतर’ रीतिवाचक क्रिया-विशेषण)
- सामंती संस्कृति के तत्त्वे भारत में पहले भी रहे हैं। (‘पहले’ कालवाचक क्रिया-विशेषण)
- अमरीका में आज जो हो रहा है, कल वह भारत में भी आ सकता है। (आज, कल कालवाचक क्रिया-विशेषण)
- हमारे सामाजिक सरोकारों में कमी आ रही है। (परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण)
(ख)
- धीरे-धीरे - भ्रष्टाचार की बीमारी धीरे-धीरे पूरे भारत में फैल चुकी है।
- जोर-से - अचानक यहाँ जोर-से विस्फोट हुआ। लगातार-कल से लगातार वर्षा हो रही है।
- हमेशा - चोरी और बेईमानी हमेशा नहीं चलती।
- आजकल - आजकल विज्ञापनों का प्रचलन और भी जोर पकड़ता जा रहा है।
- कम - भारत में अनपढ़ों की संख्या कम होती जा रही है।
- ज्यादा - उत्तर प्रदेश में अपराधों की संख्या पंजाब से ज्यादा है।
- यहाँ - कल तुम यहाँ आकर बैठना।
- उधर - मैंने जानबूझकर उधर नहीं देखा।
- बाहर - तुम चुपचाप बाहर चले जाओ।
- निरंतर, (रीतिवाचक क्रिया-विशेषण)
- पके (विशेषण)
- हलकी (विशेषण) कल रात कल रात (कालवाचक क्रियाविशेषण) जोरों की (रीतिवाचक क्रिया-विशेषण)
- उतना, जितनी (परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण) मुँह में (स्थानवाचक क्रिया-विशेषण)
- आजकल (कालवाचक क्रिया-विशेषण) बाज़ार (स्थानवाचक क्रिया-विशेषण)
(ग)
पाठेतर सक्रियता