ICSE-X-Hindi

ICSE Hindi Question Paper 2019 Solved for Class 10 year:2019

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  • #14-ii [2]
    “अब भी आँखें नहीं खुली ?” कहने से वक्ता का क्या अभिप्राय है ? पाठ के संदर्भ में समझाइए।
    Ans : ‘अब भी
    आँखें नहीं खुली’-का अभिप्राय यह है कि जीवनलाल हठी और लोभी है। वह धन के
    लोभ में आकर अपनी पुत्रवधू को राखी के अवसर पर मायके नहीं भेजता। इधर उसकी
    अपनी पुत्री के ससुराल वाले जब उससे वैसा ही व्यवहार करते हैं तो समाचार
    पाकर आँखें खुलने की चर्चा हो रही है।
  • #14-iii [3]
    एकांकी के अंत में श्रोता क्या फैसला लेता है और क्यों ? समझाइए।
    Ans : एकांकी के अंत में जीवनलाल
    का हृदय परिवर्तन हो जाता है। अपनी पुत्री के साथ वैसा ही व्यवहार होते
    देख उसकी आँखें खुल गईं और उसने बहू को मायके के लिए विदा करने का निर्णय
    ले लिया।
  • #14-iv [3]
    इस एकांकी से आपको क्या शिक्षा मिलती है ? एकांकी के उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
    Ans : प्रस्तुत एकांकी से यही शिक्षा मिलती है कि हमें बहू के
    रूप में अपने घर में आई दूसरों की बेटियों के प्रति ऐसा व्यवहार नहीं करना
    चाहिए, जैसा हम अपनी बेटियों के साथ कभी भी नहीं देखना चाहते।
  • Qstn #15
    Read the extract given below and answer in Hindi the questions that follow :
    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़िए और उसके नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर हिंदी
    में लिखिए :आपके विवेक पर सबको विश्वास है। मैं आपसे निवेदन करने आई हूँ कि
    यद्यपि समय के फेर से आज हाड़ा, शक्ति और साधनों में मेवाड़ के उन्नत
    राज्य से छोटे हैं, फिर भी वे वीर हैं। मेवाड़ को विपत्ति के दिनों से
    सहायता देते रहे हैं। यदि उनसे कोई धृष्टता बन पड़ी हो, तो महाराणा उसे भूल
    जाएँ और राजपूत शक्तियों में स्नेह का संबंध बना रहने दें।
    [‘मातृभूमि का मान’-हरिकृष्ण ‘प्रेमी’]
    [‘Matribhoomi Ka Man’-Harikrishna ‘Premi’]
  • #15-i [2]
    प्रस्तुत कथन किसने, किससे कहा है ? स्पष्ट कीजिए।
    Ans : प्रस्तुत संवाद चारणी ने महाराणा लाखा से कहा है। वह मेवाड़ के शासक
    महाराणा लाखा के सेना के सैनिक वीरसिंह की साथी है जो बूंदी का रहने वाला
    है।
  • #15-ii [2]
    मेवाड़ को विपत्ति के दिनों में किसने सहायता दी है ? चारणी यह बात क्यों याद दिलाती है ? स्पष्ट कीजिए।
    Ans : मेवाड़ को उसकी विपत्ति के दिनों में हाड़ा जैसे छोटे राज्य
    सहायता देते रहे हैं। चारणी यह बात इसलिए याद दिलाना चाहती है क्योंकि वह
    संपूर्ण राजपूत राज्यों में स्नेह और एकसूत्रता का बंधन देखना चाहती है।
  • #15-iii [3]
    चारणी ने महाराणा को अपनी प्रतिज्ञा पूरी करने का क्या उपाय बताया ? यह कितना उचित था, इस संदर्भ में अपने विचार दीजिए।
    Ans : चारणी ने महाराणा को बूंदी का एक नकली दुर्ग बनाने और उसका नाश करके
    अपनी प्रतिज्ञा पूरी करने का उपाय बताया। यह उपाय ऐसा था कि किसी राजपूत
    राज्य की हानि भी न होती और महाराणा की प्रतिज्ञा भी पूरी हो जाती। यह ऐसा
    उत्तम उपाय था कि साँप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे।
  • #15-iv [3]
    ‘मातृभूमि का मान’ कैसी एकांकी है ? शीर्षक की सार्थकता सिद्ध करते हुए बताइए।
    Ans : प्रस्तुत
    एकांकी में हाड़ा राजपूत वीरसिंह के बलिदान का चित्रण है। वह नकली दुर्ग को
    प्राणों से प्रिय मानकर बूंदी की रक्षा करते-करते मेवाड़ की भारी सेना के
    सामने अपना बलिदान देता है। इस बलिदान से यह लाभ हुआ कि राजपूतों की एकता
    का मार्ग प्रशस्त हो गया और मातृभूमि के मान को सर्वोपरि रखने वाले वीरसिंह
    की गाथा अमर हो गई।
  • Qstn #16
    Read the extract given below and answer in Hindi the questions that follow :
    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़िए और उसके नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर हिंदी
    में लिखिए :बेटा, बड़प्पन बाहर की वस्तु नहीं-बड़प्पन तो मन का होना चाहिए।
    और फिर बेटा घृणा को घृणा से नहीं मिटाया जा सकता। बहू तभी पृथक होना
    चाहेगी जब उसे घृणा के बदले. घृणा दी जाएगी। लेकिन यदि उसे घृणा के बदले
    स्नेह मिले तो उसकी समस्त घृणा धुंधली पड़कर लुप्त हो जाएगी।
    [‘सूखी डाली’-उपेन्द्रनाथ ‘अश्क’]
    [Sukhi Dali’-Upendranath Ashka’]
  • #16-i [2]
    प्रस्तुत कथन का वक्ता कौन है ? उसका संक्षिप्त परिचय दीजिए।
    Ans : प्रस्तुत कथन के वक्ता दादा हैं जिनका नाम मूलराज है। वे परिवार के मुखिया हैं।
  • #16-ii [2]
    श्रोता ने वक्ता को छोटी बहू के संबंध में क्या बताया था ?
    Ans : श्रोता परेश दादा मूलराज से कहता है कि छोटी बहू बेला का इस घर में
    मन नहीं लगता। उसे घर का कोई भी सदस्य पसंद नहीं करता। सभी उसकी निंदा करते
    हैं। अत: वह स्वतंत्र घर बसाकर रहना चाहती है।
  • #16-iii [3]
    वक्ता ने परिवार में एकता बनाए रखने का क्या उपाय निकाला ? क्या वे इसमें सफल हुए ? स्पष्ट कीजिए।
    Ans : वक्ता ने परिवार
    में एकता बनाए रखने के लिए परेश को सुझाव दिया कि वह बेला को साथ ले जाकर
    बाज़ार से उसकी पसंद की चीजें खरीदवा दे। वे यह भी कहते हैं कि वे घर में
    सभी को समझा देंगे कि कोई भी बेला का अपमान नहीं करेगा। वे इसमें सफल होते
    हैं क्योंकि घर के सभी सदस्य बेला को अधिक सम्मान देने लगते हैं जिसकी
    प्रतिक्रिया में छोटी बहू को बदलना पड़ता है।
  • #16-iv [3]
    प्रस्तुत एकांकी किस प्रकार की एकांकी है ? इस एकांकी लेखन का क्या उद्देश्य है ?
    Ans : प्रस्तुत एकांकी एक
    पारिवारिक एकांकी है जिसमें उपेंद्रनाथ अश्क ने संदेश दिया है कि यदि
    दूरदर्शिता, सूझबूझ और व्यावहारिकता से काम लिया जाए तो पारिवारिक समस्याओं
    को सुलझाया जा सकता है। छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखने से हमारे परिवार
    बिखरने से बचाए जा सकते हैं।