ICSE-X-Hindi
10: दो कलाकार (Do Kalakar) by Mannu Bhandari
- #2-iउपर्युक्त कथन का संदर्भ स्पष्ट करें।
(ii) उपर्युक्त कथन का तात्पर्य स्पष्ट करें।
(iii) अरुणा ने आवेश में आकर यह क्यों कहा कि किस काम की ऐसी कला जो आदमी को आदमी न रहने दें।
(iv) अरुणा उपर्युक्त कथन द्वारा चित्रा को क्या कहना चाहती है?
(ii) उपर्युक्त कथन का तात्पर्य स्पष्ट करें।
(iii) अरुणा ने आवेश में आकर यह क्यों कहा कि किस काम की ऐसी कला जो आदमी को आदमी न रहने दें।
(iv) अरुणा उपर्युक्त कथन द्वारा चित्रा को क्या कहना चाहती है?
Ans :
चित्रा चाय पर अरुणा का इंतजार कर रही होती है। इतने में अरुणा का आगमन होता है और चित्रा उसे बताती है कि उसके पिता का पत्र आया है जिसमें आगे की पढ़ाई के लिए उसे विदेश जाने की अनुमति मिल गई है। उस समय आपसी बातचीत के दौरान अरुणा चित्रा से उपर्युक्त कथन कहती है। (ii)
उपर्युक्त कथन से अरुणा का तात्पर्य चित्रा के असंवेदनशील होने से है। चित्रा चित्रकार होने के नाते केवल अपने चित्रों के बारे में ही सोचती रहती है। दुनिया में बड़ी-से-बड़ी घटना क्यों न घट जाय यदि चित्रा को उसमें चित्रकारी के लिए मॉडल नहीं मिलता तो उसके लिए वह घटना बेमानी होती है। (iii)
चित्रा दुनिया से कोई मतलब नहीं रखती थी। वह बस चौबीसों घंटे अपने रंग और तूलिकाओं में डूबी रहती थी। दुनिया में कितनी भी बड़ी घटना घट जाए, पर यदि उसमें चित्रा के चित्र के लिए कोई आइडिया नहीं तो वह उसके लिए कोई महत्त्व नहीं रखती थी। वह हर जगह, हर चीज में अपने चित्रों के लिए मॉडल ढूंढा करती थी। इसलिए अरुणा ने आवेश में आकर यह कहा कि किस काम की ऐसी कला जो आदमी को आदमी न रहने दें। (iv)
अरुणा उपर्युक्त कथन द्वारा चित्रा को कहना चाहती है कि वह अमीर पिता की बेटी है उसके पास साधनों और पैसे की कोई कमी नहीं है अत: वह उन साधनों से किसी की जिंदगी सँवार सकती है। (ii)
उपर्युक्त कथन से अरुणा का तात्पर्य चित्रा के असंवेदनशील होने से है। चित्रा चित्रकार होने के नाते केवल अपने चित्रों के बारे में ही सोचती रहती है। दुनिया में बड़ी-से-बड़ी घटना क्यों न घट जाय यदि चित्रा को उसमें चित्रकारी के लिए मॉडल नहीं मिलता तो उसके लिए वह घटना बेमानी होती है। (iii)
चित्रा दुनिया से कोई मतलब नहीं रखती थी। वह बस चौबीसों घंटे अपने रंग और तूलिकाओं में डूबी रहती थी। दुनिया में कितनी भी बड़ी घटना घट जाए, पर यदि उसमें चित्रा के चित्र के लिए कोई आइडिया नहीं तो वह उसके लिए कोई महत्त्व नहीं रखती थी। वह हर जगह, हर चीज में अपने चित्रों के लिए मॉडल ढूंढा करती थी। इसलिए अरुणा ने आवेश में आकर यह कहा कि किस काम की ऐसी कला जो आदमी को आदमी न रहने दें। (iv)
अरुणा उपर्युक्त कथन द्वारा चित्रा को कहना चाहती है कि वह अमीर पिता की बेटी है उसके पास साधनों और पैसे की कोई कमी नहीं है अत: वह उन साधनों से किसी की जिंदगी सँवार सकती है।
- #2-iiउपर्युक्त कथन का तात्पर्य स्पष्ट करें।
Ans :
उपर्युक्त कथन से अरुणा का तात्पर्य चित्रा के असंवेदनशील होने से है। चित्रा चित्रकार होने के नाते केवल अपने चित्रों के बारे में ही सोचती रहती है। दुनिया में बड़ी-से-बड़ी घटना क्यों न घट जाय यदि चित्रा को उसमें चित्रकारी के लिए मॉडल नहीं मिलता तो उसके लिए वह घटना बेमानी होती है।
- #2-iiiअरुणा ने आवेश में आकर यह क्यों कहा कि किस काम की ऐसी कला जो आदमी को आदमी न रहने दें।
Ans :
चित्रा दुनिया से कोई मतलब नहीं रखती थी। वह बस चौबीसों घंटे अपने रंग और तूलिकाओं में डूबी रहती थी। दुनिया में कितनी भी बड़ी घटना घट जाए, पर यदि उसमें चित्रा के चित्र के लिए कोई आइडिया नहीं तो वह उसके लिए कोई महत्त्व नहीं रखती थी। वह हर जगह, हर चीज में अपने चित्रों के लिए मॉडल ढूंढा करती थी। इसलिए अरुणा ने आवेश में आकर यह कहा कि किस काम की ऐसी कला जो आदमी को आदमी न रहने दें।
- #2-ivअरुणा उपर्युक्त कथन द्वारा चित्रा को क्या कहना चाहती है?
Ans :
अरुणा उपर्युक्त कथन द्वारा चित्रा को कहना चाहती है कि वह अमीर पिता की बेटी है उसके पास साधनों और पैसे की कोई कमी नहीं है अत: वह उन साधनों से किसी की जिंदगी सँवार सकती है।