ICSE-X-Hindi
04: सूखी डाली (Sukhi Dali) by Upendra Nath “Ashka”
- #1Qstn 1. प्रश्न क: निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
इस फ़र्नीचर पर हमारे बाप-दादा बैठते थे, पिता बैठते थे, चाचा बैठते थे। उन लोगों को कभी शर्म नहीं आई, उन्होंने कभी फ़र्नीचर के सड़े-गले होने की शिकायत नहीं की। (i) उपर्युक्त अवतरण का वक्ता कौन है और इस समय वह किससे और क्यों बहस कर रहा है?
(ii) श्रोता बेला के मायके और ससुराल में क्या अंतर है?
(iii) बेला की फ़र्नीचर के बारे क्या राय थी?
(iv) घर के फ़र्नीचर के बारे में वक्ता की राय क्या थी और वह उसे क्यों नहीं बदलना चाहता था?
Ans : (i) उपर्युक्त अवतरण का वक्ता परेश है जो कि तहसीलदार है। इस समय वह अपनी पत्नी बेला से फ़र्नीचर के बाबत बहस कर रहा है।
बेला पढ़ी-लिखी और आधुनिक विचारधारा को मानने वाली स्त्री है। वह घर के पुराने फ़र्नीचर को बदलना चाहती है और इसलिए वह इस बात पर अपने पति परेश से बहस करती है। (ii) बेला जो की घर की छोटी बहू है, बड़े घर से ताल्लुक रखती है। घर की इकलौती लड़की होने के कारण उसे अपने घर में बहुत अधिक लाड़-प्यार, मान सम्मान और स्वच्छंद वातावरण मिला था। उसके विपरीत उसका ससुराल एक संयुक्त परिवार था जो घर के दादाजी की छत्रछाया में जीता था। यहाँ के लोग सभी पुराने संस्कारों में ढले हैं। (iii) बेला बड़ी घर की एकलौती बेटी होने के कारण अपने मायके में लाड़-प्यार से पली-बढ़ी थी। यहाँ ससुराल में सभी पुराने संस्कारों को मानने वाले थे अत:घर की कोई भी चीज को बदलना नहीं चाहते थे। बेला की राय में कमरे का फ़र्नीचर सड़ा-गला और टूटा-फूटा है और वह इस प्रकार के फ़र्नीचर को अपने कमरे में रखने की बिल्कुल भी इच्छुक नहीं थी। (iv) वक्ता परेश पढ़ा-लिखा और तहसीलदार पद को प्राप्त किया युवक है परंतु संयुक्त परिवार में रहने के कारण उसे घर के माहौल के साथ ताल-मेल बिठाकर कार्य करना होता है। उसकी पत्नी बेला को कमरे का फ़र्नीचर टूटा-पुराना और सड़ा-गला लगता है तो इस पर वक्ता कहता है कि यह वही फ़र्नीचर है जिस पर उसके दादा, पिता और चाचा बैठा करते थे। उन्होंने तो कभी फ़र्नीचर की ऐसी शिकायत नहीं की और यदि इस फ़र्नीचर को वह कमरे में न रखे तो उसके परिवार इसे ठीक नहीं समझेंगे। अत:वक्ता अपने कमरे का फ़र्नीचर बदलना नहीं चाहता था।
- #1-iउपर्युक्त अवतरण का वक्ता कौन है और इस समय वह किससे और क्यों बहस कर रहा है?
Ans : उपर्युक्त अवतरण का वक्ता परेश है जो कि तहसीलदार है। इस समय वह अपनी पत्नी बेला से फ़र्नीचर के बाबत बहस कर रहा है।
बेला पढ़ी-लिखी और आधुनिक विचारधारा को मानने वाली स्त्री है। वह घर के पुराने फ़र्नीचर को बदलना चाहती है और इसलिए वह इस बात पर अपने पति परेश से बहस करती है।
- #1-iiश्रोता बेला के मायके और ससुराल में क्या अंतर है?
Ans : बेला जो की घर की छोटी बहू है, बड़े घर से ताल्लुक रखती है। घर की इकलौती लड़की होने के कारण उसे अपने घर में बहुत अधिक लाड़-प्यार, मान सम्मान और स्वच्छंद वातावरण मिला था। उसके विपरीत उसका ससुराल एक संयुक्त परिवार था जो घर के दादाजी की छत्रछाया में जीता था। यहाँ के लोग सभी पुराने संस्कारों में ढले हैं।
- #1-iiiबेला की फ़र्नीचर के बारे क्या राय थी?
Ans : बेला बड़ी घर की एकलौती बेटी होने के कारण अपने मायके में लाड़-प्यार से पली-बढ़ी थी। यहाँ ससुराल में सभी पुराने संस्कारों को मानने वाले थे अत:घर की कोई भी चीज को बदलना नहीं चाहते थे। बेला की राय में कमरे का फ़र्नीचर सड़ा-गला और टूटा-फूटा है और वह इस प्रकार के फ़र्नीचर को अपने कमरे में रखने की बिल्कुल भी इच्छुक नहीं थी।
- #1-ivघर के फ़र्नीचर के बारे में वक्ता की राय क्या थी और वह उसे क्यों नहीं बदलना चाहता था?
Ans : वक्ता परेश पढ़ा-लिखा और तहसीलदार पद को प्राप्त किया युवक है परंतु संयुक्त परिवार में रहने के कारण उसे घर के माहौल के साथ ताल-मेल बिठाकर कार्य करना होता है। उसकी पत्नी बेला को कमरे का फ़र्नीचर टूटा-पुराना और सड़ा-गला लगता है तो इस पर वक्ता कहता है कि यह वही फ़र्नीचर है जिस पर उसके दादा, पिता और चाचा बैठा करते थे। उन्होंने तो कभी फ़र्नीचर की ऐसी शिकायत नहीं की और यदि इस फ़र्नीचर को वह कमरे में न रखे तो उसके परिवार इसे ठीक नहीं समझेंगे। अत:वक्ता अपने कमरे का फ़र्नीचर बदलना नहीं चाहता था।