ICSE-X-Hindi

01: संस्कार और भावना (Sanskar aur Bhavna) by Vishu Prabhakar

with Solutions - page 2
  • #2-i
    कौन संस्कारों की दासता से मुक्त होने में विफल रहा और क्यों?
    (i) कौन संस्कारों की दासता से मुक्त होने में विफल रहा और क्यों?
    (ii) माँ ने अपने विचारों के प्रति क्या पश्चाताप किया है?
    (ii) माँ ने अपने विचारों के प्रति क्या पश्चाताप किया है?
    (iii) अतुल और उमा माँ के किस निर्णय से प्रसन्न हैं?
    (iii) अतुल और उमा माँ के किस निर्णय से प्रसन्न हैं?
    (iv) अविनाश की वधू का चरित्र-चित्रण कीजिए।
    (iv) अविनाश की वधू का चरित्र-चित्रण कीजिए।
    (i) कौन संस्कारों की दासता से मुक्त होने में विफल रहा और क्यों?
    (ii) माँ ने अपने विचारों के प्रति क्या पश्चाताप किया है?
    (ii) माँ ने अपने विचारों के प्रति क्या पश्चाताप किया है?
    (iii) अतुल और उमा माँ के किस निर्णय से प्रसन्न हैं?
    (iii) अतुल और उमा माँ के किस निर्णय से प्रसन्न हैं?
    (iv) अविनाश की वधू का चरित्र-चित्रण कीजिए।
    (iv) अविनाश की वधू का चरित्र-चित्रण कीजिए।
    Ans : यहाँ पर अतुल और अविनाश की माँ हिन्दू समाज की रूढ़िवादी संस्कारों से ग्रस्त हैं। वे संस्कारों की दास हैं। एक मध्यम परिवार में अपने पुराने संस्कारों की रक्षा करना धर्म माना जाता है। इसलिए माँ संस्कारों की दासता से मुक्त होने में विफल रही। (i) यहाँ पर अतुल और अविनाश की माँ हिन्दू समाज की रूढ़िवादी संस्कारों से ग्रस्त हैं। वे संस्कारों की दास हैं। एक मध्यम परिवार में अपने पुराने संस्कारों की रक्षा करना धर्म माना जाता है। इसलिए माँ संस्कारों की दासता से मुक्त होने में विफल रही। (ii) माँ ने अपने रूढ़ीवादी विचारों के कारण अपने बेटे-बहू से बिछड़ने का पश्चाताप किया है। (ii) माँ ने अपने रूढ़ीवादी विचारों के कारण अपने बेटे-बहू से बिछड़ने का पश्चाताप किया है। (iii)
    जब माँ को अविनाश की पत्नी की बीमारी की सूचना मिलती है तब उसका हृदय मातृत्व की भावना से भर उठता है। उसे इस बात का आभास है कि यदि बहू को कुछ हो गया तो अविनाश नहीं बचेगा। माँ को पता है कि अविनाश को बचाने की शक्ति केवल उसी में है। इसलिए वह प्राचीन संस्कारों के बाँध को तोड़कर अपने बेटे के पास जाना चाहती है। इस प्रकार बेटे की घर वापसी के निर्णय से अतुल और उमा प्रसन्न हैं। (iii)
    जब माँ को अविनाश की पत्नी की बीमारी की सूचना मिलती है तब उसका हृदय मातृत्व की भावना से भर उठता है। उसे इस बात का आभास है कि यदि बहू को कुछ हो गया तो अविनाश नहीं बचेगा। माँ को पता है कि अविनाश को बचाने की शक्ति केवल उसी में है। इसलिए वह प्राचीन संस्कारों के बाँध को तोड़कर अपने बेटे के पास जाना चाहती है। इस प्रकार बेटे की घर वापसी के निर्णय से अतुल और उमा प्रसन्न हैं। (iv) अविनाश की वधू बहुत भोली और प्यारी थी, जो उसे एक बार देख लेता उसके रूप पर मंत्रमुग्ध हो जाता। बड़ी-बड़ी काली आँखें उनमें शैशव की भोली मुस्कराहट उसके रूप तथा बड़ों के प्रति आदर के भाव ने अतुल और उमा को प्रभावित किया। (iv) अविनाश की वधू बहुत भोली और प्यारी थी, जो उसे एक बार देख लेता उसके रूप पर मंत्रमुग्ध हो जाता। बड़ी-बड़ी काली आँखें उनमें शैशव की भोली मुस्कराहट उसके रूप तथा बड़ों के प्रति आदर के भाव ने अतुल और उमा को प्रभावित किया। (i) यहाँ पर अतुल और अविनाश की माँ हिन्दू समाज की रूढ़िवादी संस्कारों से ग्रस्त हैं। वे संस्कारों की दास हैं। एक मध्यम परिवार में अपने पुराने संस्कारों की रक्षा करना धर्म माना जाता है। इसलिए माँ संस्कारों की दासता से मुक्त होने में विफल रही। (ii) माँ ने अपने रूढ़ीवादी विचारों के कारण अपने बेटे-बहू से बिछड़ने का पश्चाताप किया है। (ii) माँ ने अपने रूढ़ीवादी विचारों के कारण अपने बेटे-बहू से बिछड़ने का पश्चाताप किया है। (iii)
    जब माँ को अविनाश की पत्नी की बीमारी की सूचना मिलती है तब उसका हृदय मातृत्व की भावना से भर उठता है। उसे इस बात का आभास है कि यदि बहू को कुछ हो गया तो अविनाश नहीं बचेगा। माँ को पता है कि अविनाश को बचाने की शक्ति केवल उसी में है। इसलिए वह प्राचीन संस्कारों के बाँध को तोड़कर अपने बेटे के पास जाना चाहती है। इस प्रकार बेटे की घर वापसी के निर्णय से अतुल और उमा प्रसन्न हैं। (iii)
    जब माँ को अविनाश की पत्नी की बीमारी की सूचना मिलती है तब उसका हृदय मातृत्व की भावना से भर उठता है। उसे इस बात का आभास है कि यदि बहू को कुछ हो गया तो अविनाश नहीं बचेगा। माँ को पता है कि अविनाश को बचाने की शक्ति केवल उसी में है। इसलिए वह प्राचीन संस्कारों के बाँध को तोड़कर अपने बेटे के पास जाना चाहती है। इस प्रकार बेटे की घर वापसी के निर्णय से अतुल और उमा प्रसन्न हैं। (iv) अविनाश की वधू बहुत भोली और प्यारी थी, जो उसे एक बार देख लेता उसके रूप पर मंत्रमुग्ध हो जाता। बड़ी-बड़ी काली आँखें उनमें शैशव की भोली मुस्कराहट उसके रूप तथा बड़ों के प्रति आदर के भाव ने अतुल और उमा को प्रभावित किया। (iv) अविनाश की वधू बहुत भोली और प्यारी थी, जो उसे एक बार देख लेता उसके रूप पर मंत्रमुग्ध हो जाता। बड़ी-बड़ी काली आँखें उनमें शैशव की भोली मुस्कराहट उसके रूप तथा बड़ों के प्रति आदर के भाव ने अतुल और उमा को प्रभावित किया।
  • #2-i
    कौन संस्कारों की दासता से मुक्त होने में विफल रहा और क्यों?
    Ans : यहाँ पर अतुल और अविनाश की माँ हिन्दू समाज की रूढ़िवादी संस्कारों से ग्रस्त हैं। वे संस्कारों की दास हैं। एक मध्यम परिवार में अपने पुराने संस्कारों की रक्षा करना धर्म माना जाता है। इसलिए माँ संस्कारों की दासता से मुक्त होने में विफल रही।
  • #2-ii
    माँ ने अपने विचारों के प्रति क्या पश्चाताप किया है?
    Ans : माँ ने अपने रूढ़ीवादी विचारों के कारण अपने बेटे-बहू से बिछड़ने का पश्चाताप किया है।
  • #2-ii
    माँ ने अपने विचारों के प्रति क्या पश्चाताप किया है?
    Ans : माँ ने अपने रूढ़ीवादी विचारों के कारण अपने बेटे-बहू से बिछड़ने का पश्चाताप किया है।
  • #2-iii
    अतुल और उमा माँ के किस निर्णय से प्रसन्न हैं?
    Ans :
    जब माँ को अविनाश की पत्नी की बीमारी की सूचना मिलती है तब उसका हृदय मातृत्व की भावना से भर उठता है। उसे इस बात का आभास है कि यदि बहू को कुछ हो गया तो अविनाश नहीं बचेगा। माँ को पता है कि अविनाश को बचाने की शक्ति केवल उसी में है। इसलिए वह प्राचीन संस्कारों के बाँध को तोड़कर अपने बेटे के पास जाना चाहती है। इस प्रकार बेटे की घर वापसी के निर्णय से अतुल और उमा प्रसन्न हैं।
  • #2-iii
    अतुल और उमा माँ के किस निर्णय से प्रसन्न हैं?
    Ans :
    जब माँ को अविनाश की पत्नी की बीमारी की सूचना मिलती है तब उसका हृदय मातृत्व की भावना से भर उठता है। उसे इस बात का आभास है कि यदि बहू को कुछ हो गया तो अविनाश नहीं बचेगा। माँ को पता है कि अविनाश को बचाने की शक्ति केवल उसी में है। इसलिए वह प्राचीन संस्कारों के बाँध को तोड़कर अपने बेटे के पास जाना चाहती है। इस प्रकार बेटे की घर वापसी के निर्णय से अतुल और उमा प्रसन्न हैं।
  • #2-iv
    अविनाश की वधू का चरित्र-चित्रण कीजिए।
    Ans : अविनाश की वधू बहुत भोली और प्यारी थी, जो उसे एक बार देख लेता उसके रूप पर मंत्रमुग्ध हो जाता। बड़ी-बड़ी काली आँखें उनमें शैशव की भोली मुस्कराहट उसके रूप तथा बड़ों के प्रति आदर के भाव ने अतुल और उमा को प्रभावित किया।
  • #2-iv
    अविनाश की वधू का चरित्र-चित्रण कीजिए।
    Ans : अविनाश की वधू बहुत भोली और प्यारी थी, जो उसे एक बार देख लेता उसके रूप पर मंत्रमुग्ध हो जाता। बड़ी-बड़ी काली आँखें उनमें शैशव की भोली मुस्कराहट उसके रूप तथा बड़ों के प्रति आदर के भाव ने अतुल और उमा को प्रभावित किया।