ICSE-X-Hindi
07: विनय के पद (Vinay ke Pad) by Tulsidas
Qstn# 2 Prvs-Qstn
- #2Qstn 2. प्रश्न ख: निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
जाके प्रिय न राम वैदेही
तजिए ताहि कोटि बैरी सम, जद्यपि परम सनेही।
सो छोड़िये
तज्यो पिता प्रहलाद, विभीषन बंधु, भरत महतारी।
बलिगुरु तज्यो कंत ब्रजबनितन्हि, भये मुद मंगलकारी।
नाते नेह राम के मनियत सुहृद सुसेव्य जहां लौं।
अंजन कहां आंखि जेहि फूटै, बहुतक कहौं कहां लौं।
तुलसी सो सब भांति परमहित पूज्य प्रान ते प्यारो।
जासों हाय सनेह राम-पद, एतोमतो हमारो।। (i) कवि के अनुसार हमें किसका त्याग करना चाहिए?
(ii) उदाहरण देकर लिखिए किन लोगों ने भगवान के प्यार में अपनों को त्यागा।
(iii) जिस अंजन को लगाने से आँखें फूट जाएँ क्या वो काम का होता है?
(iv) उपर्युक्त पद द्वारा तुलसीदास क्या संदेश दे रहे हैं?
(i) कवि के अनुसार हमें किसका त्याग करना चाहिए?
(ii) उदाहरण देकर लिखिए किन लोगों ने भगवान के प्यार में अपनों को त्यागा।
(iii) जिस अंजन को लगाने से आँखें फूट जाएँ क्या वो काम का होता है?
(iv) उपर्युक्त पद द्वारा तुलसीदास क्या संदेश दे रहे हैं?
Ans : (i)
कवि के अनुसार जिन लोगों के प्रिय राम-जानकी जी नहीं है उनका त्याग करना चाहिए। (ii)
प्रह्लाद ने अपने पिता हिरण्यकशिपु को, विभीषण ने अपने भाई रावण को, बलि ने अपने गुरु शुक्राचार्य को और ब्रज की गोपियों ने अपने-अपने पतियों को भगवान प्राप्ति को बाधक समझकर त्याग दिया। (iii)
नहीं जिस अंजन को लगाने से आँखें फूट जाएँ वो किसी काम का नहीं होता है। (iv)
उपर्युक्त पद द्वारा तुलसीदास श्री राम की भक्ति का संदेश दे रहे है। तथा भगवान प्राप्ति के लिए त्याग करने को भी प्रेरित कर रहे हैं। (i)
कवि के अनुसार जिन लोगों के प्रिय राम-जानकी जी नहीं है उनका त्याग करना चाहिए। (ii)
प्रह्लाद ने अपने पिता हिरण्यकशिपु को, विभीषण ने अपने भाई रावण को, बलि ने अपने गुरु शुक्राचार्य को और ब्रज की गोपियों ने अपने-अपने पतियों को भगवान प्राप्ति को बाधक समझकर त्याग दिया। (iii)
नहीं जिस अंजन को लगाने से आँखें फूट जाएँ वो किसी काम का नहीं होता है। (iv)
उपर्युक्त पद द्वारा तुलसीदास श्री राम की भक्ति का संदेश दे रहे है। तथा भगवान प्राप्ति के लिए त्याग करने को भी प्रेरित कर रहे हैं।
- #2-iकवि के अनुसार हमें किसका त्याग करना चाहिए?
Ans :
कवि के अनुसार जिन लोगों के प्रिय राम-जानकी जी नहीं है उनका त्याग करना चाहिए।
- #2-iiउदाहरण देकर लिखिए किन लोगों ने भगवान के प्यार में अपनों को त्यागा।
Ans :
प्रह्लाद ने अपने पिता हिरण्यकशिपु को, विभीषण ने अपने भाई रावण को, बलि ने अपने गुरु शुक्राचार्य को और ब्रज की गोपियों ने अपने-अपने पतियों को भगवान प्राप्ति को बाधक समझकर त्याग दिया।
- #2-iiiजिस अंजन को लगाने से आँखें फूट जाएँ क्या वो काम का होता है?
Ans :
नहीं जिस अंजन को लगाने से आँखें फूट जाएँ वो किसी काम का नहीं होता है।
- #2-ivउपर्युक्त पद द्वारा तुलसीदास क्या संदेश दे रहे हैं?
Ans :
उपर्युक्त पद द्वारा तुलसीदास श्री राम की भक्ति का संदेश दे रहे है। तथा भगवान प्राप्ति के लिए त्याग करने को भी प्रेरित कर रहे हैं।