ICSE-X-Hindi

05: मेघ आये (Megh Aaye) by Sarveshwar Dayal Saxena

with Solutions -
Qstn# 2 Prvs-Qstn
  • #2
    Qstn 2. प्रश्न ख: निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
    बूढ़े़ पीपल ने आगे बढ़ कर जुहार की
    ‘बरस बाद सुधि लीन्ही’
    बोली अकुलाई लता ओट हो किवार की
    हरसाया ताल लाया पानी परात भर के।
    क्षितिज अटारी गदरायी दामिनि दमकी
    ‘क्षमा करो गाँठ खुल गयी अब भरम की’
    बाँध टूटा झर-झर मिलन अश्रु ढरके
    मेघ आये बड़े बन-ठन के, सँवर के। () Qstn 2. प्रश्न ख: निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के (i) ‘क्षितिज अटारी गहराई दामिनी दमकी, क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की’ - पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
    (i) ‘क्षितिज अटारी गहराई दामिनी दमकी, क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की’ - पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
    (ii) लता ने बादल रूपी मेहमान को किस तरह देखा और क्यों?
    (ii) लता ने बादल रूपी मेहमान को किस तरह देखा और क्यों?
    (iii) कवि ने पीपल के पेड़ के लिए किस शब्द का प्रयोग किया है और क्यों?
    (iii) कवि ने पीपल के पेड़ के लिए किस शब्द का प्रयोग किया है और क्यों?
    (iv) शब्दार्थ लिखिए - बरस, सुधि, अकुलाई, ढरके
    (iv) शब्दार्थ लिखिए - बरस, सुधि, अकुलाई, ढरके
    () Qstn 2. प्रश्न ख: निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के (i) ‘क्षितिज अटारी गहराई दामिनी दमकी, क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की’ - पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
    (i) ‘क्षितिज अटारी गहराई दामिनी दमकी, क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की’ - पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
    (ii) लता ने बादल रूपी मेहमान को किस तरह देखा और क्यों?
    (ii) लता ने बादल रूपी मेहमान को किस तरह देखा और क्यों?
    (iii) कवि ने पीपल के पेड़ के लिए किस शब्द का प्रयोग किया है और क्यों?
    (iii) कवि ने पीपल के पेड़ के लिए किस शब्द का प्रयोग किया है और क्यों?
    (iv) शब्दार्थ लिखिए - बरस, सुधि, अकुलाई, ढरके
    (iv) शब्दार्थ लिखिए - बरस, सुधि, अकुलाई, ढरके
    Ans : () pAnsr: उत्तर:: लिखिए :
    बूढ़े़ पीपल ने आगे बढ़ कर जुहार की
    ‘बरस बाद सुधि लीन्ही’
    बोली अकुलाई लता ओट हो किवार की
    हरसाया ताल लाया पानी परात भर के।
    क्षितिज अटारी गदरायी दामिनि दमकी
    ‘क्षमा करो गाँठ खुल गयी अब भरम की’
    बाँध टूटा झर-झर मिलन अश्रु ढरके
    मेघ आये बड़े बन-ठन के, सँवर के। (i)
    उपर्युक्त पंक्ति का आशय यह है कि नायिका को यह भ्रम था कि उसके प्रिय अर्थात् मेघ नहीं आएँगे परन्तु बादल रूपी नायक के आने से उसकी सारी शंकाएँ मिट जाती है और वह क्षमा याचना करने लगती है। (i) pAnsr: उत्तर:::
    उपर्युक्त पंक्ति का आशय यह है कि नायिका को यह भ्रम था कि उसके प्रिय अर्थात् मेघ नहीं आएँगे परन्तु बादल रूपी नायक के आने से उसकी सारी शंकाएँ मिट जाती है और वह क्षमा याचना करने लगती है। (ii)
    लता ने बादल रूपी मेहमान को किवाड़ की ओट में से देखा क्योंकि एक तो वह बादल को देखने के लिए व्याकुल हो रही थी और दूसरी ओर वह बादलों के देरी से आने के कारण रूठी हुई भी थी। (ii) pAnsr: उत्तर:::
    लता ने बादल रूपी मेहमान को किवाड़ की ओट में से देखा क्योंकि एक तो वह बादल को देखने के लिए व्याकुल हो रही थी और दूसरी ओर वह बादलों के देरी से आने के कारण रूठी हुई भी थी। (iii)
    कवि ने पीपल के पेड़ के लिए ‘बूढ़े’ शब्द का प्रयोग किया है क्योंकि पीपल का पेड़ दीर्घजीवी होता है। जिस प्रकार गाँव में मेहमान आने पर बड़े-बूढ़े आगे बढ़कर उसका अभिवादन करते हैं वैसे ही मेघ रूपी दामाद के आने पर गाँव के बुजुर्ग पीपल का पेड़ आगे बढ़कर उनका स्वागत करते हैं। (iii) pAnsr: उत्तर:::
    कवि ने पीपल के पेड़ के लिए ‘बूढ़े’ शब्द का प्रयोग किया है क्योंकि पीपल का पेड़ दीर्घजीवी होता है। जिस प्रकार गाँव में मेहमान आने पर बड़े-बूढ़े आगे बढ़कर उसका अभिवादन करते हैं वैसे ही मेघ रूपी दामाद के आने पर गाँव के बुजुर्ग पीपल का पेड़ आगे बढ़कर उनका स्वागत करते हैं। (iv)
    बरस:
    वर्ष
    सुधि:
    सुध
    अकुलाई:
    व्याकुल
    ढरके:
    ढलकना (iv) pAnsr: उत्तर:::
    बरस:
    वर्ष
    सुधि:
    सुध
    अकुलाई:
    व्याकुल
    ढरके:
    ढलकना () pAnsr: उत्तर:: लिखिए :
    बूढ़े़ पीपल ने आगे बढ़ कर जुहार की
    ‘बरस बाद सुधि लीन्ही’
    बोली अकुलाई लता ओट हो किवार की
    हरसाया ताल लाया पानी परात भर के।
    क्षितिज अटारी गदरायी दामिनि दमकी
    ‘क्षमा करो गाँठ खुल गयी अब भरम की’
    बाँध टूटा झर-झर मिलन अश्रु ढरके
    मेघ आये बड़े बन-ठन के, सँवर के। (i)
    उपर्युक्त पंक्ति का आशय यह है कि नायिका को यह भ्रम था कि उसके प्रिय अर्थात् मेघ नहीं आएँगे परन्तु बादल रूपी नायक के आने से उसकी सारी शंकाएँ मिट जाती है और वह क्षमा याचना करने लगती है। (i) pAnsr: उत्तर:::
    उपर्युक्त पंक्ति का आशय यह है कि नायिका को यह भ्रम था कि उसके प्रिय अर्थात् मेघ नहीं आएँगे परन्तु बादल रूपी नायक के आने से उसकी सारी शंकाएँ मिट जाती है और वह क्षमा याचना करने लगती है। (ii)
    लता ने बादल रूपी मेहमान को किवाड़ की ओट में से देखा क्योंकि एक तो वह बादल को देखने के लिए व्याकुल हो रही थी और दूसरी ओर वह बादलों के देरी से आने के कारण रूठी हुई भी थी। (ii) pAnsr: उत्तर:::
    लता ने बादल रूपी मेहमान को किवाड़ की ओट में से देखा क्योंकि एक तो वह बादल को देखने के लिए व्याकुल हो रही थी और दूसरी ओर वह बादलों के देरी से आने के कारण रूठी हुई भी थी। (iii)
    कवि ने पीपल के पेड़ के लिए ‘बूढ़े’ शब्द का प्रयोग किया है क्योंकि पीपल का पेड़ दीर्घजीवी होता है। जिस प्रकार गाँव में मेहमान आने पर बड़े-बूढ़े आगे बढ़कर उसका अभिवादन करते हैं वैसे ही मेघ रूपी दामाद के आने पर गाँव के बुजुर्ग पीपल का पेड़ आगे बढ़कर उनका स्वागत करते हैं। (iii) pAnsr: उत्तर:::
    कवि ने पीपल के पेड़ के लिए ‘बूढ़े’ शब्द का प्रयोग किया है क्योंकि पीपल का पेड़ दीर्घजीवी होता है। जिस प्रकार गाँव में मेहमान आने पर बड़े-बूढ़े आगे बढ़कर उसका अभिवादन करते हैं वैसे ही मेघ रूपी दामाद के आने पर गाँव के बुजुर्ग पीपल का पेड़ आगे बढ़कर उनका स्वागत करते हैं। (iv)
    बरस:
    वर्ष
    सुधि:
    सुध
    अकुलाई:
    व्याकुल
    ढरके:
    ढलकना (iv) pAnsr: उत्तर:::
    बरस:
    वर्ष
    सुधि:
    सुध
    अकुलाई:
    व्याकुल
    ढरके:
    ढलकना
  • #2
    Qstn 2. प्रश्न ख: निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के
    Ans : pAnsr: उत्तर:: लिखिए :
    बूढ़े़ पीपल ने आगे बढ़ कर जुहार की
    ‘बरस बाद सुधि लीन्ही’
    बोली अकुलाई लता ओट हो किवार की
    हरसाया ताल लाया पानी परात भर के।
    क्षितिज अटारी गदरायी दामिनि दमकी
    ‘क्षमा करो गाँठ खुल गयी अब भरम की’
    बाँध टूटा झर-झर मिलन अश्रु ढरके
    मेघ आये बड़े बन-ठन के, सँवर के।
  • #2-i
    ‘क्षितिज अटारी गहराई दामिनी दमकी, क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की’ - पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
    Ans :
    उपर्युक्त पंक्ति का आशय यह है कि नायिका को यह भ्रम था कि उसके प्रिय अर्थात् मेघ नहीं आएँगे परन्तु बादल रूपी नायक के आने से उसकी सारी शंकाएँ मिट जाती है और वह क्षमा याचना करने लगती है।
  • #2-i
    ‘क्षितिज अटारी गहराई दामिनी दमकी, क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की’ - पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
    Ans : pAnsr: उत्तर:::
    उपर्युक्त पंक्ति का आशय यह है कि नायिका को यह भ्रम था कि उसके प्रिय अर्थात् मेघ नहीं आएँगे परन्तु बादल रूपी नायक के आने से उसकी सारी शंकाएँ मिट जाती है और वह क्षमा याचना करने लगती है।
  • #2-ii
    लता ने बादल रूपी मेहमान को किस तरह देखा और क्यों?
    Ans :
    लता ने बादल रूपी मेहमान को किवाड़ की ओट में से देखा क्योंकि एक तो वह बादल को देखने के लिए व्याकुल हो रही थी और दूसरी ओर वह बादलों के देरी से आने के कारण रूठी हुई भी थी।
  • #2-ii
    लता ने बादल रूपी मेहमान को किस तरह देखा और क्यों?
    Ans : pAnsr: उत्तर:::
    लता ने बादल रूपी मेहमान को किवाड़ की ओट में से देखा क्योंकि एक तो वह बादल को देखने के लिए व्याकुल हो रही थी और दूसरी ओर वह बादलों के देरी से आने के कारण रूठी हुई भी थी।
  • #2-iii
    कवि ने पीपल के पेड़ के लिए किस शब्द का प्रयोग किया है और क्यों?
    Ans :
    कवि ने पीपल के पेड़ के लिए ‘बूढ़े’ शब्द का प्रयोग किया है क्योंकि पीपल का पेड़ दीर्घजीवी होता है। जिस प्रकार गाँव में मेहमान आने पर बड़े-बूढ़े आगे बढ़कर उसका अभिवादन करते हैं वैसे ही मेघ रूपी दामाद के आने पर गाँव के बुजुर्ग पीपल का पेड़ आगे बढ़कर उनका स्वागत करते हैं।
  • #2-iii
    कवि ने पीपल के पेड़ के लिए किस शब्द का प्रयोग किया है और क्यों?
    Ans : pAnsr: उत्तर:::
    कवि ने पीपल के पेड़ के लिए ‘बूढ़े’ शब्द का प्रयोग किया है क्योंकि पीपल का पेड़ दीर्घजीवी होता है। जिस प्रकार गाँव में मेहमान आने पर बड़े-बूढ़े आगे बढ़कर उसका अभिवादन करते हैं वैसे ही मेघ रूपी दामाद के आने पर गाँव के बुजुर्ग पीपल का पेड़ आगे बढ़कर उनका स्वागत करते हैं।
  • #2-iv
    शब्दार्थ लिखिए - बरस, सुधि, अकुलाई, ढरके
    Ans :
    बरस:
    वर्ष
    सुधि:
    सुध
    अकुलाई:
    व्याकुल
    ढरके:
    ढलकना
  • #2-iv
    शब्दार्थ लिखिए - बरस, सुधि, अकुलाई, ढरके
    Ans : pAnsr: उत्तर:::
    बरस:
    वर्ष
    सुधि:
    सुध
    अकुलाई:
    व्याकुल
    ढरके:
    ढलकना