ICSE-X-Hindi

09: -भेड़े और भेड़िये (Bhede aur Bhediyen) by Hari Shankar

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  • #3
    प्रश्न ग: निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
    भेड़ों ने देखा तो वह बोली, “अरे भागो, यह तो भेड़िया है।” (i) बूढ़े सियार ने सियारों को क्यों रंगा?
    (ii)  तीनों सियारों का परिचय किस प्रकार दिया गया?
    (iii)  बूढ़े सियार ने भेड़िये का रूप क्यों बदला और उसे क्या सलाह दी?
    (iv)  पहले भेड़ें क्यों भागने लगीं?
    (i) बूढ़े सियार ने सियारों को क्यों रंगा?
    (ii)  तीनों सियारों का परिचय किस प्रकार दिया गया?
    (iii)  बूढ़े सियार ने भेड़िये का रूप क्यों बदला और उसे क्या सलाह दी?
    (iv)  पहले भेड़ें क्यों भागने लगीं?
    Ans : (i) उत्तर:
    बूढ़े सियार ने भेड़ियों का चुनाव-प्रचार तथा भेड़ों को भ्रमित और गुमराह करने के लिए सियारों को रंगा था।
    वन-प्रदेश में प्रजातंत्र की स्थापना से भेड़िये डर गए थे तब भेड़ियों की रक्षा करने के लिए बूढ़े सियार ने एक योजना बनाई जिसके अंतर्गत उसे भेड़ियों का प्रचार करना था और भेड़ों को यह विश्वास दिलाना था कि भेड़ों के लिए उपयुक्त उम्मीदवार भेड़िये ही है अपनी इस योजना को सफल बनाने के लिए ही उसने सियारों को रंगा था। (ii) उत्तर:
    अपनी योजना को सफल बनाने के लिए सियार ने तीन सियारों को क्रमशः पीले, नीले और हरे में रंग दिया और भेड़ों के सामने उनका परिचय इस प्रकार दिया कि पीले रंगवाला सियार विद्वान, विचारक, कवि और लेखक है, नीले रंगवाले सियार को नेता और स्वर्ग का पत्रकार बताया गया और वहीँ हरे रंगवाले सियार को धर्मगुरु का प्रतीक बताया गया। (iii) उत्तर:
    अपनी योजना को सफल बनाने के लिए बूढ़े सियार ने अपने साथियों को रंगने के बाद भेड़िये के रूप को भी बदला।
    भेड़िये का रूप बदलने के बाद बूढ़े सियार ने उसे तीन बातें याद रखने की सलाह दी कि वह अपनी हिंसक आँखों को ऊपर न उठाए, हमेशा जमीन की ओर ही देखें और कुछ न बोलें और सब से जरुरी बात सभा में बहुत-सी भेड़ें आएगी गलती से उनपर हमला न कर बैठना। (iv) उत्तर:
    बूढ़े सियार ने एक संत के आने की खबर पूरे वन-प्रदेश में फैला रही थी इसलिए उसको देखने के लिए भेड़ें बड़ी संख्या में सभा-स्थल पर मौजूद थीं। पर जब उन्होंने अपने सामने संत के रूप में भेड़िये को देखा तो वे डर के मारे भागने लगीं। (i) उत्तर:
    बूढ़े सियार ने भेड़ियों का चुनाव-प्रचार तथा भेड़ों को भ्रमित और गुमराह करने के लिए सियारों को रंगा था।
    वन-प्रदेश में प्रजातंत्र की स्थापना से भेड़िये डर गए थे तब भेड़ियों की रक्षा करने के लिए बूढ़े सियार ने एक योजना बनाई जिसके अंतर्गत उसे भेड़ियों का प्रचार करना था और भेड़ों को यह विश्वास दिलाना था कि भेड़ों के लिए उपयुक्त उम्मीदवार भेड़िये ही है अपनी इस योजना को सफल बनाने के लिए ही उसने सियारों को रंगा था। (ii) उत्तर:
    अपनी योजना को सफल बनाने के लिए सियार ने तीन सियारों को क्रमशः पीले, नीले और हरे में रंग दिया और भेड़ों के सामने उनका परिचय इस प्रकार दिया कि पीले रंगवाला सियार विद्वान, विचारक, कवि और लेखक है, नीले रंगवाले सियार को नेता और स्वर्ग का पत्रकार बताया गया और वहीँ हरे रंगवाले सियार को धर्मगुरु का प्रतीक बताया गया। (iii) उत्तर:
    अपनी योजना को सफल बनाने के लिए बूढ़े सियार ने अपने साथियों को रंगने के बाद भेड़िये के रूप को भी बदला।
    भेड़िये का रूप बदलने के बाद बूढ़े सियार ने उसे तीन बातें याद रखने की सलाह दी कि वह अपनी हिंसक आँखों को ऊपर न उठाए, हमेशा जमीन की ओर ही देखें और कुछ न बोलें और सब से जरुरी बात सभा में बहुत-सी भेड़ें आएगी गलती से उनपर हमला न कर बैठना। (iv) उत्तर:
    बूढ़े सियार ने एक संत के आने की खबर पूरे वन-प्रदेश में फैला रही थी इसलिए उसको देखने के लिए भेड़ें बड़ी संख्या में सभा-स्थल पर मौजूद थीं। पर जब उन्होंने अपने सामने संत के रूप में भेड़िये को देखा तो वे डर के मारे भागने लगीं।
  • #3-i
    बूढ़े सियार ने सियारों को क्यों रंगा?
    Ans : उत्तर:
    बूढ़े सियार ने भेड़ियों का चुनाव-प्रचार तथा भेड़ों को भ्रमित और गुमराह करने के लिए सियारों को रंगा था।
    वन-प्रदेश में प्रजातंत्र की स्थापना से भेड़िये डर गए थे तब भेड़ियों की रक्षा करने के लिए बूढ़े सियार ने एक योजना बनाई जिसके अंतर्गत उसे भेड़ियों का प्रचार करना था और भेड़ों को यह विश्वास दिलाना था कि भेड़ों के लिए उपयुक्त उम्मीदवार भेड़िये ही है अपनी इस योजना को सफल बनाने के लिए ही उसने सियारों को रंगा था।
  • #3-ii
     तीनों सियारों का परिचय किस प्रकार दिया गया?
    Ans : उत्तर:
    अपनी योजना को सफल बनाने के लिए सियार ने तीन सियारों को क्रमशः पीले, नीले और हरे में रंग दिया और भेड़ों के सामने उनका परिचय इस प्रकार दिया कि पीले रंगवाला सियार विद्वान, विचारक, कवि और लेखक है, नीले रंगवाले सियार को नेता और स्वर्ग का पत्रकार बताया गया और वहीँ हरे रंगवाले सियार को धर्मगुरु का प्रतीक बताया गया।
  • #3-iii
     बूढ़े सियार ने भेड़िये का रूप क्यों बदला और उसे क्या सलाह दी?
    Ans : उत्तर:
    अपनी योजना को सफल बनाने के लिए बूढ़े सियार ने अपने साथियों को रंगने के बाद भेड़िये के रूप को भी बदला।
    भेड़िये का रूप बदलने के बाद बूढ़े सियार ने उसे तीन बातें याद रखने की सलाह दी कि वह अपनी हिंसक आँखों को ऊपर न उठाए, हमेशा जमीन की ओर ही देखें और कुछ न बोलें और सब से जरुरी बात सभा में बहुत-सी भेड़ें आएगी गलती से उनपर हमला न कर बैठना।
  • #3-iv
     पहले भेड़ें क्यों भागने लगीं?
    Ans : उत्तर:
    बूढ़े सियार ने एक संत के आने की खबर पूरे वन-प्रदेश में फैला रही थी इसलिए उसको देखने के लिए भेड़ें बड़ी संख्या में सभा-स्थल पर मौजूद थीं। पर जब उन्होंने अपने सामने संत के रूप में भेड़िये को देखा तो वे डर के मारे भागने लगीं।