ICSE-X-Hindi
09: -भेड़े और भेड़िये (Bhede aur Bhediyen) by Hari Shankar
- #2प्रश्न ख: निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
भेड़िया चिढ़कर बोला, “कहाँ की आसमानी बातें करता है? अरे, हमारी जाति कुल दस फीसदी है और भेड़ें तथा अन्य छोटे पशु नब्बे फीसदी। भला वे हमें काहे को चुनेंगे। अरे, जिंदगी अपने को मौत के हाथ सौंप सकती है? मगर हाँ, ऐसा हो सकता, तो क्या बात थी!” (i) भेड़ियों ने यह क्यों सोचा कि अब संकटकाल आ गया है?
(ii) प्रस्तुत अवतरण में भेड़ें और भेड़िये किसका प्रतीक हैं?
(iii) सियार ने भेड़ियों को सरकस में जाने की सलाह क्यों दी?
(iv) भेड़ियों ने बूढ़े सियार की बात मानने का निश्चय क्यों किया?
(i) भेड़ियों ने यह क्यों सोचा कि अब संकटकाल आ गया है?
(ii) प्रस्तुत अवतरण में भेड़ें और भेड़िये किसका प्रतीक हैं?
(iii) सियार ने भेड़ियों को सरकस में जाने की सलाह क्यों दी?
(iv) भेड़ियों ने बूढ़े सियार की बात मानने का निश्चय क्यों किया?
Ans : (i) उत्तर:
वन - प्रदेश में भेड़ों और अन्य छोटे पशुओं को मिलाकर उनकी संख्या नब्बे प्रतिशत थी इसलिए यदि प्रजातंत्र की स्थापना होती है तो वहाँ भेड़ों का ही राज होगा और यदि भेड़ों ने यह कानून बना दिया कि कोई पशु किसी को न मारे तो भेड़िये को खाना कैसे मिलेगा। इसलिए भेड़ियों ने सोचा कि प्रजातंत्र की स्थापना से उनपर संकटकाल आ गया है। (ii) उत्तर:
प्रस्तुत अवतरण में भेड़ सामान्य जनता का प्रतीक है। जो कपटी नेताओं के झांसे में आकर चुनावों के दौरान इन नेताओं को चुनकर यह सोचते हैं कि ये नेता इनका भला करेंगे।
वही दूसरी ओर भेड़िये उन राजनीतिज्ञों का प्रतीक हैं जो सामान्य जनता को अपनी चिकनी-चुपड़ी बातों में फँसाकर अपना स्वार्थ साधते हैं। (iii) उत्तर:
वन-प्रदेश में भेड़ों की संख्या अधिक थी और यदि प्रजातंत्र की स्थापना हो गई तो भेड़ियों के पास भागने के अलावा कोई चारा नहीं था इसलिए सियार ने भेड़ियों को सरकस में जाने की सलाह दी। (iv) उत्तर:
प्रजातंत्र की खबर से भेड़िये बड़े परेशान थे। उन्हें इससे बचाने का कोई उपाय नहीं सूझ रहा था। ऐसे समय में बूढ़े सियार ने जब उन्हें उम्मीद की किरण दिखाई कि वह कोई न कोई योजना बनाकर भेड़ियों की मदद कर देगा तो भेड़ियों ने बूढ़े सियार की बात मानने का निश्चय किया। (i) उत्तर:
वन - प्रदेश में भेड़ों और अन्य छोटे पशुओं को मिलाकर उनकी संख्या नब्बे प्रतिशत थी इसलिए यदि प्रजातंत्र की स्थापना होती है तो वहाँ भेड़ों का ही राज होगा और यदि भेड़ों ने यह कानून बना दिया कि कोई पशु किसी को न मारे तो भेड़िये को खाना कैसे मिलेगा। इसलिए भेड़ियों ने सोचा कि प्रजातंत्र की स्थापना से उनपर संकटकाल आ गया है। (ii) उत्तर:
प्रस्तुत अवतरण में भेड़ सामान्य जनता का प्रतीक है। जो कपटी नेताओं के झांसे में आकर चुनावों के दौरान इन नेताओं को चुनकर यह सोचते हैं कि ये नेता इनका भला करेंगे।
वही दूसरी ओर भेड़िये उन राजनीतिज्ञों का प्रतीक हैं जो सामान्य जनता को अपनी चिकनी-चुपड़ी बातों में फँसाकर अपना स्वार्थ साधते हैं। (iii) उत्तर:
वन-प्रदेश में भेड़ों की संख्या अधिक थी और यदि प्रजातंत्र की स्थापना हो गई तो भेड़ियों के पास भागने के अलावा कोई चारा नहीं था इसलिए सियार ने भेड़ियों को सरकस में जाने की सलाह दी। (iv) उत्तर:
प्रजातंत्र की खबर से भेड़िये बड़े परेशान थे। उन्हें इससे बचाने का कोई उपाय नहीं सूझ रहा था। ऐसे समय में बूढ़े सियार ने जब उन्हें उम्मीद की किरण दिखाई कि वह कोई न कोई योजना बनाकर भेड़ियों की मदद कर देगा तो भेड़ियों ने बूढ़े सियार की बात मानने का निश्चय किया।
- #2-iभेड़ियों ने यह क्यों सोचा कि अब संकटकाल आ गया है?
Ans : उत्तर:
वन - प्रदेश में भेड़ों और अन्य छोटे पशुओं को मिलाकर उनकी संख्या नब्बे प्रतिशत थी इसलिए यदि प्रजातंत्र की स्थापना होती है तो वहाँ भेड़ों का ही राज होगा और यदि भेड़ों ने यह कानून बना दिया कि कोई पशु किसी को न मारे तो भेड़िये को खाना कैसे मिलेगा। इसलिए भेड़ियों ने सोचा कि प्रजातंत्र की स्थापना से उनपर संकटकाल आ गया है।
- #2-iiप्रस्तुत अवतरण में भेड़ें और भेड़िये किसका प्रतीक हैं?
Ans : उत्तर:
प्रस्तुत अवतरण में भेड़ सामान्य जनता का प्रतीक है। जो कपटी नेताओं के झांसे में आकर चुनावों के दौरान इन नेताओं को चुनकर यह सोचते हैं कि ये नेता इनका भला करेंगे।
वही दूसरी ओर भेड़िये उन राजनीतिज्ञों का प्रतीक हैं जो सामान्य जनता को अपनी चिकनी-चुपड़ी बातों में फँसाकर अपना स्वार्थ साधते हैं।
- #2-iiiसियार ने भेड़ियों को सरकस में जाने की सलाह क्यों दी?
Ans : उत्तर:
वन-प्रदेश में भेड़ों की संख्या अधिक थी और यदि प्रजातंत्र की स्थापना हो गई तो भेड़ियों के पास भागने के अलावा कोई चारा नहीं था इसलिए सियार ने भेड़ियों को सरकस में जाने की सलाह दी।
- #2-ivभेड़ियों ने बूढ़े सियार की बात मानने का निश्चय क्यों किया?
Ans : उत्तर:
प्रजातंत्र की खबर से भेड़िये बड़े परेशान थे। उन्हें इससे बचाने का कोई उपाय नहीं सूझ रहा था। ऐसे समय में बूढ़े सियार ने जब उन्हें उम्मीद की किरण दिखाई कि वह कोई न कोई योजना बनाकर भेड़ियों की मदद कर देगा तो भेड़ियों ने बूढ़े सियार की बात मानने का निश्चय किया।