ICSE-X-Hindi

09: -भेड़े और भेड़िये (Bhede aur Bhediyen) by Hari Shankar

with Solutions - page 3

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  • #3-iv
     पहले भेड़ें क्यों भागने लगीं?
    Ans : उत्तर:
    बूढ़े सियार ने एक संत के आने की खबर पूरे वन-प्रदेश में फैला रही थी इसलिए उसको देखने के लिए भेड़ें बड़ी संख्या में सभा-स्थल पर मौजूद थीं। पर जब उन्होंने अपने सामने संत के रूप में भेड़िये को देखा तो वे डर के मारे भागने लगीं।
  • Qstn #4
    प्रश्न घ: निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
    और, जब पंचायत में भेड़ों के हितों की रक्षा के लिए भेड़िये प्रतिनिधि बनकर गए। (i) प्रस्तुत पाठ में सियार किसके प्रतीक हैं?
    (ii)  प्रस्तुत पाठ में बूढ़े सियार की विशेषताएँ बताएँ।
    (iii)  चुनाव जीतने के बाद भेड़ियों ने पहला कानून क्या बनाया?
    (iv)  ‘भेड़ और भेड़िये’ कहानी द्वारा हमें क्या संदेश मिलता है?
    (i) प्रस्तुत पाठ में सियार किसके प्रतीक हैं?
    (ii)  प्रस्तुत पाठ में बूढ़े सियार की विशेषताएँ बताएँ।
    (iii)  चुनाव जीतने के बाद भेड़ियों ने पहला कानून क्या बनाया?
    (iv)  ‘भेड़ और भेड़िये’ कहानी द्वारा हमें क्या संदेश मिलता है?
    (i) प्रस्तुत पाठ में सियार किसके प्रतीक हैं?
    (ii)  प्रस्तुत पाठ में बूढ़े सियार की विशेषताएँ बताएँ।
    (iii)  चुनाव जीतने के बाद भेड़ियों ने पहला कानून क्या बनाया?
    (iv)  ‘भेड़ और भेड़िये’ कहानी द्वारा हमें क्या संदेश मिलता है?
    Ans : (i) उत्तर:
    प्रस्तुत पाठ में सियार चापलूस व्यक्तियों के प्रतीक हैं। ये सियार मौकापरस्त होते हैं। ये अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए राजनीतिज्ञों की हाँ में हाँ मिलाते हैं और जनता को हमेशा गुमराह करने की कोशिश करते हैं। (ii) उत्तर:
    प्रस्तुत पाठ में बूढ़ा सियार बड़ा ही चतुर, स्वार्थी, धूर्त और अनुभवी भेड़ियों का चापलूस है। अपने अनुभव के आधार पर वह भेड़ियों की मदद कर उनकी नज़रों में आदरणीय बन जाता है और बिना कुछ करे उसे भेड़ियों द्वारा बचा हुआ मांस खाने को मिल जाता है। (iii) उत्तर:
    चुनाव जीतने के बाद भेड़ियों ने पहला कानून यह बनाया कि रोज सुबह नाश्ते में उन्हें भेड़ का मुलायम बच्चा खाने को दिया जाए, दोपहर के भोजन में एक पूरी भेड़ तथा शाम को स्वास्थ्य के ख्याल से कम खाना चाहिए, इसलिए आधी भेड़ दी जाए। (iv) उत्तर:
    ‘भेड़ और भेड़िये’ कहानी हमें राजनीतिज्ञों के षडयंत्रों तथा अपने चुनाव के अधिकार के सही प्रयोग करने का संदेश देता है। भोली-भाली जनता को नेता और उनके चापलूस मिलकर गुमराह करते रहते हैं अत: जनता की चाहिए कि वे सतर्क और सावधान रहकर अपने अधिकारों का प्रयोग करें।

    (i) उत्तर:
    प्रस्तुत पाठ में सियार चापलूस व्यक्तियों के प्रतीक हैं। ये सियार मौकापरस्त होते हैं। ये अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए राजनीतिज्ञों की हाँ में हाँ मिलाते हैं और जनता को हमेशा गुमराह करने की कोशिश करते हैं। (ii) उत्तर:
    प्रस्तुत पाठ में बूढ़ा सियार बड़ा ही चतुर, स्वार्थी, धूर्त और अनुभवी भेड़ियों का चापलूस है। अपने अनुभव के आधार पर वह भेड़ियों की मदद कर उनकी नज़रों में आदरणीय बन जाता है और बिना कुछ करे उसे भेड़ियों द्वारा बचा हुआ मांस खाने को मिल जाता है। (iii) उत्तर:
    चुनाव जीतने के बाद भेड़ियों ने पहला कानून यह बनाया कि रोज सुबह नाश्ते में उन्हें भेड़ का मुलायम बच्चा खाने को दिया जाए, दोपहर के भोजन में एक पूरी भेड़ तथा शाम को स्वास्थ्य के ख्याल से कम खाना चाहिए, इसलिए आधी भेड़ दी जाए। (iv) उत्तर:
    ‘भेड़ और भेड़िये’ कहानी हमें राजनीतिज्ञों के षडयंत्रों तथा अपने चुनाव के अधिकार के सही प्रयोग करने का संदेश देता है। भोली-भाली जनता को नेता और उनके चापलूस मिलकर गुमराह करते रहते हैं अत: जनता की चाहिए कि वे सतर्क और सावधान रहकर अपने अधिकारों का प्रयोग करें।

    (i) उत्तर:
    प्रस्तुत पाठ में सियार चापलूस व्यक्तियों के प्रतीक हैं। ये सियार मौकापरस्त होते हैं। ये अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए राजनीतिज्ञों की हाँ में हाँ मिलाते हैं और जनता को हमेशा गुमराह करने की कोशिश करते हैं। (ii) उत्तर:
    प्रस्तुत पाठ में बूढ़ा सियार बड़ा ही चतुर, स्वार्थी, धूर्त और अनुभवी भेड़ियों का चापलूस है। अपने अनुभव के आधार पर वह भेड़ियों की मदद कर उनकी नज़रों में आदरणीय बन जाता है और बिना कुछ करे उसे भेड़ियों द्वारा बचा हुआ मांस खाने को मिल जाता है। (iii) उत्तर:
    चुनाव जीतने के बाद भेड़ियों ने पहला कानून यह बनाया कि रोज सुबह नाश्ते में उन्हें भेड़ का मुलायम बच्चा खाने को दिया जाए, दोपहर के भोजन में एक पूरी भेड़ तथा शाम को स्वास्थ्य के ख्याल से कम खाना चाहिए, इसलिए आधी भेड़ दी जाए। (iv) उत्तर:
    ‘भेड़ और भेड़िये’ कहानी हमें राजनीतिज्ञों के षडयंत्रों तथा अपने चुनाव के अधिकार के सही प्रयोग करने का संदेश देता है। भोली-भाली जनता को नेता और उनके चापलूस मिलकर गुमराह करते रहते हैं अत: जनता की चाहिए कि वे सतर्क और सावधान रहकर अपने अधिकारों का प्रयोग करें।

  • #4-i
    प्रस्तुत पाठ में सियार किसके प्रतीक हैं?
    Ans : उत्तर:
    प्रस्तुत पाठ में सियार चापलूस व्यक्तियों के प्रतीक हैं। ये सियार मौकापरस्त होते हैं। ये अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए राजनीतिज्ञों की हाँ में हाँ मिलाते हैं और जनता को हमेशा गुमराह करने की कोशिश करते हैं।
  • #4-ii
     प्रस्तुत पाठ में बूढ़े सियार की विशेषताएँ बताएँ।
    Ans : उत्तर:
    प्रस्तुत पाठ में बूढ़ा सियार बड़ा ही चतुर, स्वार्थी, धूर्त और अनुभवी भेड़ियों का चापलूस है। अपने अनुभव के आधार पर वह भेड़ियों की मदद कर उनकी नज़रों में आदरणीय बन जाता है और बिना कुछ करे उसे भेड़ियों द्वारा बचा हुआ मांस खाने को मिल जाता है।
  • #4-iii
     चुनाव जीतने के बाद भेड़ियों ने पहला कानून क्या बनाया?
    Ans : उत्तर:
    चुनाव जीतने के बाद भेड़ियों ने पहला कानून यह बनाया कि रोज सुबह नाश्ते में उन्हें भेड़ का मुलायम बच्चा खाने को दिया जाए, दोपहर के भोजन में एक पूरी भेड़ तथा शाम को स्वास्थ्य के ख्याल से कम खाना चाहिए, इसलिए आधी भेड़ दी जाए।
  • #4-iv
     ‘भेड़ और भेड़िये’ कहानी द्वारा हमें क्या संदेश मिलता है?
    Ans : उत्तर:
    ‘भेड़ और भेड़िये’ कहानी हमें राजनीतिज्ञों के षडयंत्रों तथा अपने चुनाव के अधिकार के सही प्रयोग करने का संदेश देता है। भोली-भाली जनता को नेता और उनके चापलूस मिलकर गुमराह करते रहते हैं अत: जनता की चाहिए कि वे सतर्क और सावधान रहकर अपने अधिकारों का प्रयोग करें।