ICSE-X-Hindi

02: काकी (Kaki) by Siyaram Sharan Gupta

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  • #3
    प्रश्न ग: निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए : (i) एक दिन उसने ऊपर आसमान में पतंग उड़ती देखी। न जाने क्या सोचकर उसका हृदय एकदम खिल उठा।
    किसका ह्रदय क्यों खिल उठा?
    (ii) एक दिन उसने ऊपर आसमान में पतंग उड़ती देखी। न जाने क्या सोचकर उसका हृदय एकदम खिल उठा।
    श्यामू ने कौन-सी चीज किस उद्देश्य से मँगवाई थी?
    (iii) एक दिन उसने ऊपर आसमान में पतंग उड़ती देखी। न जाने क्या सोचकर उसका हृदय एकदम खिल उठा।
    इस कार्य में उसकी मदद किसने की उसका परिचय दें।
    (iv) एक दिन उसने ऊपर आसमान में पतंग उड़ती देखी। न जाने क्या सोचकर उसका हृदय एकदम खिल उठा।
    अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए श्यामू ने पैसों की व्यवस्था किस प्रकार की?
    (i) एक दिन उसने ऊपर आसमान में पतंग उड़ती देखी। न जाने क्या सोचकर उसका हृदय एकदम खिल उठा।
    किसका ह्रदय क्यों खिल उठा?
    (ii) एक दिन उसने ऊपर आसमान में पतंग उड़ती देखी। न जाने क्या सोचकर उसका हृदय एकदम खिल उठा।
    श्यामू ने कौन-सी चीज किस उद्देश्य से मँगवाई थी?
    (iii) एक दिन उसने ऊपर आसमान में पतंग उड़ती देखी। न जाने क्या सोचकर उसका हृदय एकदम खिल उठा।
    इस कार्य में उसकी मदद किसने की उसका परिचय दें।
    (iv) एक दिन उसने ऊपर आसमान में पतंग उड़ती देखी। न जाने क्या सोचकर उसका हृदय एकदम खिल उठा।
    अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए श्यामू ने पैसों की व्यवस्था किस प्रकार की?
    Ans : (i) उत्तर:
    श्यामू अपनी माँ के जाने के बाद हमेशा दुखी रहा करता था। उसके हमउम्र बच्चों के अनुसार उसकी माँ राम के पास गई है इसलिए वह प्राय: शून्य मन से आकाश की ओर ताका करता था। एक दिन उसने ऊपर आसमान में पतंग उड़ती देखी और श्यामू ने सोचा कि पतंग की डोर को ऊपर रामजी के घर भेजकर वह अपनी माँ को वापस बुला लेगा और यही सोचकर उसका ह्रदय खिल उठा। (ii) उत्तर:
    श्यामू ने एक दिन आसमान में एक पतंग उड़ती देखी तो उसके मन में यह विचार आया कि वह पतंग के सहारे अपनी माँ को रामजी के घर से वापस ले आएगा। इस तरह अपनी माँ को रामजी के घर से पुन:प्राप्त करने के उद्देश्य की पूर्ति के लिए उसने भोला से पतंग और रस्सी मँगवाई। (iii) उत्तर:
    पश्यामू की माँ को रामजी के घर से लाने में श्यामू की मदद भोला ने की।
    भोला उसका समवयस्क साथी था। वह सुखिया दासी का पुत्र था। भोला चतुर समझदार था परंतु छोटा होने के कारण डरपोक भी था इसलिए विश्वेश्वर के डाँटने पर उसने चोरी संबंधित सारी बात उगल दी। वह भी श्यामू की तरह मासूम और भावुक बालक है। (iv) उत्तर:
    श्यामू अपनी माँ को रामजी के घर से लाने के उद्देश्य की पूर्ति के लिए पहले अपने पिता से पतंग दिलवाने की प्रार्थना करता है परंतु जब उसके पिता उसे पतंग नहीं दिलवाते हैं तो वह खूँटी पर रखे पिता के कोट से चवन्नी चुरा लेता है और भोला से कहकर पतंग और डोर की व्यवस्था करता है। इस प्रकार अपनी माँ को वापस लाने के लिए वह चोरी करने से भी नहीं हिचकिचाता। (i) उत्तर:
    श्यामू अपनी माँ के जाने के बाद हमेशा दुखी रहा करता था। उसके हमउम्र बच्चों के अनुसार उसकी माँ राम के पास गई है इसलिए वह प्राय: शून्य मन से आकाश की ओर ताका करता था। एक दिन उसने ऊपर आसमान में पतंग उड़ती देखी और श्यामू ने सोचा कि पतंग की डोर को ऊपर रामजी के घर भेजकर वह अपनी माँ को वापस बुला लेगा और यही सोचकर उसका ह्रदय खिल उठा। (ii) उत्तर:
    श्यामू ने एक दिन आसमान में एक पतंग उड़ती देखी तो उसके मन में यह विचार आया कि वह पतंग के सहारे अपनी माँ को रामजी के घर से वापस ले आएगा। इस तरह अपनी माँ को रामजी के घर से पुन:प्राप्त करने के उद्देश्य की पूर्ति के लिए उसने भोला से पतंग और रस्सी मँगवाई। (iii) उत्तर:
    पश्यामू की माँ को रामजी के घर से लाने में श्यामू की मदद भोला ने की।
    भोला उसका समवयस्क साथी था। वह सुखिया दासी का पुत्र था। भोला चतुर समझदार था परंतु छोटा होने के कारण डरपोक भी था इसलिए विश्वेश्वर के डाँटने पर उसने चोरी संबंधित सारी बात उगल दी। वह भी श्यामू की तरह मासूम और भावुक बालक है। (iv) उत्तर:
    श्यामू अपनी माँ को रामजी के घर से लाने के उद्देश्य की पूर्ति के लिए पहले अपने पिता से पतंग दिलवाने की प्रार्थना करता है परंतु जब उसके पिता उसे पतंग नहीं दिलवाते हैं तो वह खूँटी पर रखे पिता के कोट से चवन्नी चुरा लेता है और भोला से कहकर पतंग और डोर की व्यवस्था करता है। इस प्रकार अपनी माँ को वापस लाने के लिए वह चोरी करने से भी नहीं हिचकिचाता।
  • #3-i
    एक दिन उसने ऊपर आसमान में पतंग उड़ती देखी। न जाने क्या सोचकर उसका हृदय एकदम खिल उठा।
    किसका ह्रदय क्यों खिल उठा?
    Ans : उत्तर:
    श्यामू अपनी माँ के जाने के बाद हमेशा दुखी रहा करता था। उसके हमउम्र बच्चों के अनुसार उसकी माँ राम के पास गई है इसलिए वह प्राय: शून्य मन से आकाश की ओर ताका करता था। एक दिन उसने ऊपर आसमान में पतंग उड़ती देखी और श्यामू ने सोचा कि पतंग की डोर को ऊपर रामजी के घर भेजकर वह अपनी माँ को वापस बुला लेगा और यही सोचकर उसका ह्रदय खिल उठा।
  • #3-ii
    एक दिन उसने ऊपर आसमान में पतंग उड़ती देखी। न जाने क्या सोचकर उसका हृदय एकदम खिल उठा।
    श्यामू ने कौन-सी चीज किस उद्देश्य से मँगवाई थी?
    Ans : उत्तर:
    श्यामू ने एक दिन आसमान में एक पतंग उड़ती देखी तो उसके मन में यह विचार आया कि वह पतंग के सहारे अपनी माँ को रामजी के घर से वापस ले आएगा। इस तरह अपनी माँ को रामजी के घर से पुन:प्राप्त करने के उद्देश्य की पूर्ति के लिए उसने भोला से पतंग और रस्सी मँगवाई।
  • #3-iii
    एक दिन उसने ऊपर आसमान में पतंग उड़ती देखी। न जाने क्या सोचकर उसका हृदय एकदम खिल उठा।
    इस कार्य में उसकी मदद किसने की उसका परिचय दें।
    Ans : उत्तर:
    पश्यामू की माँ को रामजी के घर से लाने में श्यामू की मदद भोला ने की।
    भोला उसका समवयस्क साथी था। वह सुखिया दासी का पुत्र था। भोला चतुर समझदार था परंतु छोटा होने के कारण डरपोक भी था इसलिए विश्वेश्वर के डाँटने पर उसने चोरी संबंधित सारी बात उगल दी। वह भी श्यामू की तरह मासूम और भावुक बालक है।
  • #3-iv
    एक दिन उसने ऊपर आसमान में पतंग उड़ती देखी। न जाने क्या सोचकर उसका हृदय एकदम खिल उठा।
    अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए श्यामू ने पैसों की व्यवस्था किस प्रकार की?
    Ans : उत्तर:
    श्यामू अपनी माँ को रामजी के घर से लाने के उद्देश्य की पूर्ति के लिए पहले अपने पिता से पतंग दिलवाने की प्रार्थना करता है परंतु जब उसके पिता उसे पतंग नहीं दिलवाते हैं तो वह खूँटी पर रखे पिता के कोट से चवन्नी चुरा लेता है और भोला से कहकर पतंग और डोर की व्यवस्था करता है। इस प्रकार अपनी माँ को वापस लाने के लिए वह चोरी करने से भी नहीं हिचकिचाता।